कोरोना की आड़ में हैकर्स की चांदी, दो सप्ताह में चार लाख से अधिक हुए साइबर अटैक

The data has been selling millions of Twitter users Hankars ...


कोरोना की आड़ में हैकर्स


बीते दो हफ्तों में 4 लाख से ज्यादा हुए साइबर हमलें
कोरोना वायरस के 20,000 फेक डोमेन किए गए रजिस्टर
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कंपनियों को साइब हमलें के लिए तैयार रहना चाहिए


जहां एक तरफ पूरी दुनिया एक साथ मिलकर कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने में लगी है, तो दूसरी तरफ हैकर्स इस वायरस की आड़ में साइबर हमलें कर रहे हैं। हाल ही में चेक प्वाइंट रिसर्च कंपनी की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि बीते दो सप्ताह में चार लाख से ज्यादा साइबर अटैक हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स ने डब्ल्यूएचओ, यूनाइटेड नेशन, माइक्रोसॉफ्ट टीम और गूगल जैसे संस्थान के नाम का सहारा लेकर लोगों को ठगा है।


दो सप्ताह में इतने डोमेन हुए रजिस्टर 
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो सप्ताह में भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वायरस से जुड़े करीब 20,000 डोमेन रजिस्टर हुए हैं। इनमें से करीब 2 फीसदी डोमेन वायरस से ग्रसित हैं, जबकि 15 फीसदी डोमेन शंकित हैं। आपको बता दें कि कोरोना क्योर नाम से सबसे ज्यादा डोमेन रजिस्टर हुए है। इसके अलावा कोरोना पोस्ट, कोरोना रिलीफ फंड और कोरोना क्राइसिस नाम के डोमेन देखने को मिले हैं।


अमेरिकी न्याय विभाग ने कंपनियों को दी चेतावनी
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि सभी कंपनियों को साइबर हमले के लिए तैयार रहने के साथ सावधानी बरतनी भी बहुत जरूरी है। हालांकि, विभाग ने अब तक किसी कंपनी पर हुए साइबर हमले की जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन अमेरिकी न्याय विभाग ने कोरोना वायरस के उपचार और परीक्षण पर काम करने वाली कंपनियों को सतर्क रहने को कहा है।


हैकर (Hacker) कैसे बने - CatchHow


सान फ्रांसिस्को। वेब ब्राउजर प्रोग्राम से हटाए गए चोरी के लाखों ट्विटर अकाउंट्स को ऑनलाइन बिक्री के लिए रखा गया है।लीक डेटा से संबंधी एक सर्च इंजन ने यह जानकारी दी। बहरहाल, ट्विटर इस बात पर दृढ़ है कि हैकरों ने उसकी कम्प्यूटर प्रणाली में घुसपैठ नहीं की और ना ही इंटरनेट पर बेचे जा रहे अकाउंट संबंधी किसी सूचना का वह स्रोत है। ट्विटर के प्रवक्ता ने बताया कि हमें विश्वास है कि ये ‘यूजरनेम्स’ और अकाउंट्स ट्विटर के डेटा से नहीं लिए गए और ना ही हमारे सिस्टम्स में सेंध मारी गई।


प्रवक्ता ने बताया, ‘लिहाजा, हमलोग तो हाल में लीक हुए पासवर्ड से जो कुछ भी साझा किया गया था उसके खिलाफ अपने डेटा की जांच कर अकाउंट्स को सुरक्षित रखने में मदद के लिए काम कर रहे हैं।’ लीक्डसोर्स डॉट कॉम के अनुसार लाखों ट्विटर अकाउंट्स को ‘डार्क वेब’ पर बेचा जा रहा है। ‘डार्क वेब’ इंटरनेट का एक वर्ग है जिस तक विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से पहुंच बनाया जा सकता है।


कथित रूप से इस डेटा सेट में 3.2 करोड़ से भी अधिक ट्विटर रेकॉर्डस उपलब्ध हैं जिनमें यूजरनेम, पासवर्ड या ईमेल एड्रेस से जुड़ी जानकारियां शामिल हो सकती हैं।लीक्डसोर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया है कि उसके पास डेटा सेट की एक प्रति है और उसने यह भी कहा कि ये डेटा सेट ट्विटर यूजर्स के हैं ना कि सान फ्रांसिस्को की मेसेजिंग सेवा कंपनी के।              -एजेंसी


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