भारत में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही हैं ये 6 दवाएं, जानें सभी की कीमत

कोरोना के मामले भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में अब तक 9.11 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।


कुल मरीजों के मामले में भारत अमेरिका, ब्राजील के बाद तीसर नंबर पर आ गया है।


वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है कोरोना पर कंट्रोल मुश्किल है। हालांकि सामान्य लक्षण वाले मरीजों के लिए कई सारी दवाएं बाजार में आ गई हैं, जो असर दिखा रहा है। यह अच्छी खबर है। भारत की कई कंपनियां हैं जो कोरोना की दवा लॉन्च कर चुकी हैं और इसके लिए उन्हें ड्रग कंट्रोलर DCGA से मंजूरी मिली है।


 FabiFlu



Glenmark Pharmaceuticals ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा FabiFlu की कीमत में 27 फीसदी की भारी कटौती की है। पहले इसके एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये थी, जिसे घटाकर 75 रुपये कर दिया गया है। FabiFlu का इस्तेमाला कोरोना के माइल्ड ऐंड मॉडरेट कोरोना मरीजों के इलाज में किया जा रहा है।


बायोकॉन का कोरोना कोर्स 32 हजार में



पिछले दिनों DCGA ने बायोकॉन की दवा Itolizumab को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसका इस्तेमाल मॉडरेट टू सीवियर कोरोना मरीजों पर किया जा सकता है। Itolizumab एक इंजेक्शन है और एक वाइल की कीमत करीब 8000 रुपये है। एक मरीज को ठीक होने में चार शीशी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब बायोकॉन कंपनी की दवा का कोरोना कोर्स 32 हजार रुपये का है। कंपनी ने कहा कि यह पहली दवा है जिसे पूरी दुनिया में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।


Cipermi की कीमत 4000 रुपये प्रति शीशी



जून के महीने में Cipla ने रेमडेसिवीर का जेनरिक वर्जन Cipermi दवा को लॉन्च किया था। इस दवा को DCGA से मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की अनुमति मिल चुकी है। DCGA ने इस दवा को हॉस्पिटलाइजेशन मामले में अडल्ट और बच्चों पर इमर्जेंसी में इस्तेमाल की अनुमति दी है। यह एक इंजेक्शन है। रेमडेसिवीर के इस जेनरिक वर्जन की कीमत 4000 रुपया प्रति वाइल (शीशी) है।


Tocilizumab की कीमत 1 लाख प्रति इंजेक्शन तक



कोरोना काल में Tocilizumab दवा की जबर्दस्त डिमांड है। अभी तक कोरोना के लिए क्लिनिकली अप्रूव कोई दवा नहीं है। हालांकि अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टर अलग-अलग दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुंबई में हाई रिस्क मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया और परिणा सकारात्मक रहे, जिसके कारण इसकी मांग काफी बढ़ गई है। बाजार में इस दवा की कालाबाजारी हो रही है, जिसके कारण कीमत आसमान छू रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक इंजेक्शन की कीमत ब्लैक मार्केट में 45 हजार से 1 लाख के बीच है। वर्तमान में इसे केवल Roche Pharma बनाती है। भारत में इस दवा का मार्केटिंग Cipla करती है। Roche Pharma मुख्य रूप से स्विटजरलैंड की कंपनी है।


हेटरो इंजेक्शन Covifor की कीमत 5400 रुपये



Hetero Pharma ने रेमडेसिवीर का जेनरिक वर्जन Covifor लॉन्च किया है। DCGA ने हेटरो लैब्स को कोविफॉर के मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की इजाजत दी है। कोविफॉर की कीमत 5400 रुपये प्रति शीशी है। इसका इस्तेमाल केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों का पर किया जा सकता है। इस दवा का इस्तेमाल घर पर रहने वाले मरीजों को नहीं करना है। पूरे कोर्स के दौरान एक मरीज पर 6 इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका मतलब कुल खर्च 33 हजार रुपये के करीब है।


Mylan के Desrem की कीमत 4800 रुपये



Mylan NV ने सोमवार को कहा कि उसने भी गिलीड साइंसेज के साथ रेमडेसिवीर के जेनरिक वर्जन को लॉन्च करने के लिए करार किया है। कंपनी इसी महीने रेमडेसिवीर के जेनरिक वर्जन को लॉन्च करेगी। DCGI से इसे मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी ने कहा कि दवा का नाम Desrem होगा, जिसका इमर्जेंसी में इस्तेमाल किया जा सकता है। 100 mg/vial की कीमत 4800 रुपये होगी।


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