नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार का खाका लगभग तैयार कर लिया है। दो दिन से तीनों पार्टियों के नेता साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने के लिए लगातार बैठकों के दौर से गुजर रहे हैं। शुक्रवार को भी पार्टियों ने साझा कार्यक्रम के बारे में तो कुछ नहीं बताया है, लेकिन सूत्र दावा कर रहे हैं कि मंत्री पदों के बंटवारे पर तीनों पार्टियों में सहमति बन गई है।
मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास ही रहेगा, जिस पर एनसीपी और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। इसकी एवज में एनसीपी को गृह विभाग और कांग्रेस को राजस्व विभाग देने पर सहमति बन गई है। कांग्रेस और एनसीपी को डिप्टी सीएम पद भी मिलेंगे। बातचीत ठीकठाक रही तो अगले दो दिनों में तीनों पार्टियां एक साथ आकर साझा न्यूनतम कार्यक्रम घोषित कर देंगी।
एनसीपी के नवाब मलिक ने कहा- 'शिवसेना और भाजपा का गठबंधन इसलिए टूटा, क्योंकि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया जा रहा था। हम शिवसेना की भावना समझते हैं, सीएम उसी का होगा।' दूसरी ओर भाजपा ने भी दावा किया है कि सरकार उसी की बनेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि 119 विधायक उनके साथ हैं।
ऐसे बंट सकते हैं मंत्री पद
शिवसेना | एनसीपी | कांग्रेस |
16 मंत्री | 14 मंत्री | 12 मंत्री |
मंत्री पदों के बंटवारे के लिए तीनों पाटियों ने विधायक संख्या को आधार बनाया है। गठबंधन के पास कुल 154 विधायक हैं। शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक। बहुमत का आंकड़ा 145 है।
शिवसेना चाहती है बाल ठाकरे की बरसी पर ही हो सरकार की घोषणा
सूत्रों के अनुसार, शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से स्पष्ट कहा है कि सरकार बनाने की घोषणा 17 नवंबर को बाल ठाकरे की बरसी पर हो। लेकिन, एनसीपी और कांग्रेस अभी इसे लेकर स्पष्ट नहीं है। यही नहीं, कांग्रेस और एनसीपी के नेता यह बात स्वीकार करने से बच रहे हैं कि शनिवार को वे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- 'हमने राज्यपाल से समय मांगा है, लेकिन इस दौरान हम किसानों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे।' दूसरी ओर, सूत्रों का कहना है कि अगर सबकुछ रणनीति के तहत चला तो इसी मुलाकात के दौरान ही तीनों दल सरकार बनाने का दावा कर देंगे।
पवार बोले- 5 साल सरकार चलाएंगे, इसलिए साझा कार्यक्रम पर जोर दे रहे
सरकार बनाने के सवाल पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा- 'तीनों पार्टियों के नेता साझा कार्यक्रम बना रहे हैं। इसलिए समय लग रहा है। हम सभी चीजें पहले ही तय कर लेना चाहते हैं, ताकि पांच साल के लिए स्थायी सरकार बनाई जा सके।' सूत्र कह रहे हैं कि पवार रविवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आएंगे। उसी दिन गठबंधन की घोषणा संभव है।