एजुकेशन अलर्ट / सीबीएसई ने स्कूलों को जारी किए निर्देश, 'गहन सोच' बढ़ाने 7-10वीं के स्टूडेंट कर रहे वीकली टास्क

  • सीबीएसई ने सुझाव दिया है कि क्लासरूम एक्टिविटीज में हफ्ते में कोई एक ऐसा सवाल बच्चों को दें, जिसका उत्तर वे मिलकर ढूंढ़ें

  • इसलिए अलग-अलग सब्जेक्ट के टीचर्स अपने स्टूडेंट्स में इस तरह विकसित कर रहे क्रिटिकल थिंकिंग

    एजुकेशन अलर्ट / सीबीएसई ने स्कूलों को जारी किए निर्देश, 'गहन सोच' बढ़ाने 7-10वीं के स्टूडेंट कर रहे वीकली टास्क के लिए इमेज परिणामएजुकेशन अलर्ट / सीबीएसई ने स्कूलों को जारी किए निर्देश, 'गहन सोच' बढ़ाने 7-10वीं के स्टूडेंट कर रहे वीकली टास्क के लिए इमेज परिणामभोपाल। सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में हर विषय में ऐसे 20 फीसदी सवाल आते हैं, जो 'क्रिटिकल थिंकिंग' (गहन सोच) से जुड़े हों। इसमें सवाल सीधे न पूछकर घुमाकर पूछे जाते हैं, ताकि जवाब देने में स्टूडेंट को गहन सोच का इस्तेमाल करना पड़े, समीक्षा करनी पड़े। बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे सवाल बच्चों को परेशान न करें, इसलिए सीबीएसई ने अब 7वीं से 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स को भी क्रिटिकल थिंकिंग सिखाने को कहा है। 



    सीबीएसई ने सुझाव दिया है कि क्लासरूम एक्टिविटीज में हफ्ते में कोई एक ऐसा सवाल बच्चों को दें, जिसका उत्तर वे मिलकर ढूंढ़ें। सप्ताह के अंत में उन्हें सही जवाब बताया जाए, ताकि जिन बच्चों के जवाब गलत थे, वे इस पर चर्चा करें और समझें कि आखिर इस सवाल के जवाब तक किस तरह पहुंचना था।


    ओजोन लेयर के नुकसान बताए पूछा- कैसे बनती है यह लेयर
    फिजिक्स टीचर प्रमोद श्रीवास्तव कहते हैं- क्रिटिकल थिंकिंग के लिए बहुत जरूरी है कि बच्चा किसी भी सिद्धांत को सिर्फ रट ना ले, बल्कि किसी चीज के किसी खास तरह के होने के कारण को भी समझने की कोशिश करे। जैसे, मैंने क्लासरूम में बच्चों को ओजोन लेयर के बारे में बताया कि उसका होना अर्थ के लिए कितना जरूरी है, और उसके न होने से क्या नुकसान होता है। लेकिन, वीकली टास्क के रूप में मैंने बच्चों को पूछा कि आखिर ओजोन लेयर बनती कैसे है? इस सवाल को उन्होंने मिलकर सॉल्व किया और इस पर पोस्टर्स तैयार करके लाए।


    मैथ्स के लिए बच्चों को दिया क्लासरूम पेंट करने का टास्क
    मैथ्स टीचर शैलेष झोपे ने बताया कि, इस तरह की एक्टिविटीज को क्लासरूम का हिस्सा बनाने के लिए हम अब हर चैप्टर से जुड़ी ऐसी एक्टिविटीज की लिस्ट बना रहे हैं, जिनको बच्चों को सप्ताह में एक बार टास्क के रूप में दिया जाए। हर सोमवार को एक नया सवाल बच्चों को दिया जाता है। सप्ताह के अंत में इसके जवाब पर मैं और स्टूडेंट्स मिलकर चर्चा करते हैं। जैसे- मैं पाइथागोरस थ्योरम पढ़ा रहा हूं, तो बच्चों को एक्टिविटी दी कि उन्हें यदि उनके क्लासरूम को कलर करना है, तो इसके लिए उन्हें कितने पेंट चाहिए होगा, एक डब्बे पेंट में सिर्फ 5 वर्ग मीटर ही कलर हो पाता है। बच्चे क्लासरूम की लंबाई और चौड़ाई तो निकाल सकते हैं, ऊंचाई के लिए थ्योरम्स का इस्तेमाल करना होगा।


    बिजनेस स्टडीज में हस्तियों के बारे में रिसर्च करने का टास्क देते हैं
    बिजनेस स्टडीज की टीचर डॉली आर. थॉमस ने बताया- बिजनेस स्टडीज असल में क्रिटिकल थिंकिंग का सब्जेक्ट ही है। इसमें 70 प्रतिशत हिस्सा क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित होता है। सिर्फ 20 से 25 नंबर के सवाल ही डायरेक्ट पूछे जाते हैं। अगर बिजनेस प्लान्स की बात करें, तो कुछ 8-9 तरह के बिजनेस प्लान बच्चों को पढ़ाए जाते हैं। मैं उनको क्लासरूम में अलग-अलग तरह के बिजनेस मॉडल्स को फॉलो करके आगे बढ़ने और नाम कमाने वाले देश के व्यवसायियों के बारे में पता करने को कहती हूं। इस पर हम सप्ताह के अंत में डिस्कशन करते हैं और जिस स्टूडेंट की रिसर्च सबसे अच्छी है, वह क्लास का विजेता होता है।


    सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में पहली बार बेसिक कैल्कुलेटर : सीबीएसई पहली बार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में स्पेशल किड्स को बेसिक कैल्कुलेटर इस्तेमाल करने की इजाजत देगा। यह वह बच्चे होंगे जिन्हें डिसकैल्क्युलिया यानी जिन्हें नंबरों को समझने में दिक्कत आती है। हालांकि इसका फायदा वही स्टूडेंट उठा सकेंगे जो चिल्ड्रन विद स्पेशल नीड्स (सीडब्ल्यूएसएन) कैटेगरी के तहत रजिस्टर कराएंगे। इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स को 28 जनवरी तक अपने प्रिंसिपल को लिखित अर्जी देनी होगी। अर्जी को स्कूल की ओर से 2 फरवरी तक रीजनल ऑफिस में भेजना होगा। रीजनल ऑफिस स्कूल व एग्जाम सेंटर सुपरिंटेंडेंट को फाइनल अप्रूवल भेजेगा।