गणतंत्र दिवस से रवीन्द्र भवन में 5 दिवसीय लोकरंग समारोह संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ गणतंत्र दिवस 26 जनवरी की शाम 7 बजे रवीन्द्र भवन में 5 दिवसीय 35वें लोकरंग समारोह का शुभारंभ करेंगी।

संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के लिए इमेज परिणामसंस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ गणतंत्र दिवस 26 जनवरी की शाम 7 बजे रवीन्द्र भवन में 5 दिवसीय 35वें लोकरंग समारोह का शुभारंभ करेंगी। लोकरंग में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के लोक-नर्तक, लोक-गायक और लोक-नाट्य कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। व्यंजनों का मेला भी लगेगा।
    लोकरंग समारोह में पहले दिन 26 जनवरी को गोंड आख्यान आधारित समवेत नृत्य-नाट्य श्राजा पेमलशाहश् में सूत्रधार फिल्म कलाकार श्री शहनबाज खान हैं।  प्रस्तुति का मंचन श्री रामचन्द्र सिंह, सुश्री प्रतिभा रघुवंशी,उज्जैन के निर्देशन में होगा। इसके लेखक श्री नवल शुक्ल हैं। लोकरंग के दूसरे दिन 27 जनवरी को देशराग में गुजरात के रवारी गायन और घूमर में मालवी परम्परा का समवेत नृत्य-गायन होगा। धरोहर के अंतर्गत मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ राज्यों के लोकनृत्य होंगे। देशान्तर में ब्राजील और यूक्रेन के नृत्य होंगे। लोकरंग के तीसरे दिन 28 जनवरी को देशराग में उत्तरप्रदेश के कव्वाल कार्यक्रम देंगे। आदि शिल्पी के अंतर्गत चन्द्रमाधव बारीक के निर्देशन में नृत्य नाटिका प्रस्तुत होगी। इसी शाम 6 राज्यों के जनजातीय नृत्य होंगे। देशान्तर में आस्ट्रेलिया के कलाकार नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। लोकरंगे के चौथे दिन 29 जनवरी को देशराग में महाराष्ट्र का पोवाड़ा गायन और मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल का गणगौर प्रस्तुत किया जायेगा। चौथी शाम को भी धरोहर में 6 राज्यों के जनजातीय लोकनर्तक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। देशान्तर में रूस के नृत्य प्रस्तुत होंगे। लोकरंग के पांचवे और आखरी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि के अवसर पर सूफी गायक ध्रुव सांगड़ी का गायन होगा।
    लोकरंग में उल्लास के अंतर्गत 27 से 30 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से बच्चों के रूझान अनुसार गतिविधियों का आयोजन होगा। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से गोण्डों के कथा साक्ष्य की चित्र प्रदर्शनी गोण्डवानी,सौन्दर्य की नदी नर्मदा के जनजातीय कथा चित्रों की प्रदर्शनी शाश्वत,मिट्टी के खेल-खिलौनों एकाग्र प्रदर्शनी लगायी जाएगी। जनजातीय चित्र शिविर एवं जनजातीय चित्र सृजन सह-विक्रय की व्यवस्था भी रहेगी। विविध माध्यमों के शिल्प सृजन-सह विक्रय होगा। संस्कृति, कला और साहित्य आधारित पुस्तकें एवं अलग-अलग माध्यमों में शिल्प विक्रय की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रहेगी।  स्वाद के अंतर्गत लोकरंग के विशाल परिसर में एक आकर्षण व्यंजन मेला भी रहेगा। पाक कला में माहिर विभिन्न राज्यों जनजातीय देशज व्यंजनों के व्यंजनकार खास शैली में तैयार किये गये व्यंजनों से कला प्रेमियों को लुभायेंगे।