कृषि उत्पादन और कृषकों की आय बढ़ाने का उपाय करें संभागायुक्त द्वारा कृषि की समीक्षा

   संभाग में रबी फसलों की 93 प्रतिशत बोनी हो चुकी है।  लक्ष्य 18 लाख 74 हजार हेक्टेयर के विरूद्ध अब तक 17 लाख 49 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र रबी फसलों से आच्छादित हुआ है।  गत वर्ष 16 लाख 24 हजार हेक्टेयर क्षेत्र रबी फसलों से आच्छादित हुआ था।
     यह जानकारी संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता, दुग्ध संघ और मछली पालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में मिली।
     संभागायुक्त श्री मिश्रा ने कहा कि गेहूं और गन्ना की फसलों के लिये भविष्य में उन्नत बीजों का व्यापक उपयोग किया जाय। इस वर्ष उपयोग में लाये गये बीज किस्म की जानकारी उन्होंने ली।  बैठक में बताया गया कि यूरिया उर्वरक की कमी नहीं है।  संभागायुक्त ने जैविक खादों को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली।  कृषि अधिकारियों ने जानकारी दी कि मण्डला और डिण्डौरी जिलों में जैविक खाद का व्यापक उपयोग हो रहा है। संभागायुक्त ने कहा कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिये मार्केट तलाशा जाय और विकसित किया जाय। इनके ब्राण्ड नाम लोकप्रिय बनाये जायं।
     संभागायुक्त श्री मिश्रा ने कहा हर कृषि क्षेत्र में कम से कम 3 से 4 फसलें कृषकों द्वारा ली जाय। कृषि से उद्यानिकी को जोड़कर विभिन्न प्रकार की सब्जियों तथा आय देने वाली उद्यानिकी फसलों का उत्पादन लेने कृषकों को प्रेरित किया जाय।  उद्यानिकी उत्पादों के लिये मुख्य सड़क किनारे विण्डो शॉपिंग क्षेत्र विकसित किये जायं या बिक्री के लिये उपलब्ध फलों की जानकारी देने वाले पोस्टर लगाये जायं।
     संभागायुक्त ने कहा ग्रीष्म कालीन फसलें भी कृषक द्वारा ली जायं। जल संसाधन विभाग इन क्षेत्रों में सिंचाई के लिये जल उपलब्ध कराये।  उर्वरक, बीज, कीटनाशक के अमानक पाये जाने पर सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिये गये और अब तक की गयी कार्यवाही की जानकारी ली गयी। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में छोटे पौधों की अपेक्षा पर्याप्त बड़े पौधे तैयार कर वितरित किये जायं ताकि वे जीवित रह सकें।
     सहकारिता विभाग के योजनाओं की समीक्षा में संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारी फसल बीमा की प्रिमियम राशि के भुगतान से लेकर फसल का नुकसान होने पर बीमा राशि किसान को मिलने तक मॉनीटरिंग करें।  बीमा राशि भुगतान से संबंधित किसी समस्या पर सहकारिता, बीमा कंपनी और बैंक अधिकारी संयुक्त रूप से निराकरण करें। उन्होंने सहकारी बैंकों के लिये ऋण वसूली की ओर भी ध्यान देने कहा।  सहकारी समितियों और सचिवों के कामकाज पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिये।
     पशुपालन विभाग की समीक्षा में बताया गया कि संभाग में 137 गौ शालायें निर्माण का लक्ष्य है जिसे जनवरी अंत तक पूर्ण करना है। संभागायुक्त ने उन्नत नश्ल विकास के लिये कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।  बताया गया कि हर जिले में समय सीमा में लक्ष्यानुसार सफल कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य को हासिल करने पायलट प्रोजेक्ट तहत ग्रामों का चयन किया गया है।  अब संभागायुक्त के निर्देश पर कृषि और उद्यानिकी विभाग भी इन ग्रामों में नवाचार और उन्नत कृषि कार्य करेगा।
    मत्स्य पालन विभाग अंतर्गत संभागायुक्त श्री मिश्रा ने निर्देश दिये कि मत्स्य पालन के लिये केज कल्चर को भी अपनाया जाय। खनिज उत्खनन के बाद गहरे बड़े गड्ढों का उपयोग मछली पालन के लिये भी किया जा सकता है। सहकारी दुग्ध संघ द्वारा मिल्क रूट, दुग्ध संग्रह आदि बढ़ाने के लिये अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी।  बैठक में संभागीय अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी और संयुक्त आयुक्त विकास अरविंद यादव भी मौजूद थे।