- विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने 22 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए खरीदी का फैसला लिया था
- टेंडर प्रक्रिया नियम-शर्तों की वजह से विवादों में रही, चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे
भोपाल. भाजपा सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए खरीदे गए 160 करोड़ के जूते-चप्पल, पानी की बोतल और साड़ियों की जांच अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने पिछली सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बोनस की राशि से खरीदी सामाग्री की जांच के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को फाइल भेज दी है। अब सीएमओ से जांच की स्वीकृति आने का इंतजार है, जिसके बाद दोषियों की जिम्मेदारी तय हो सकेगी।
भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले 22 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए जूते-चप्पल, पानी की बोतल, साड़ियों की खरीदी का फैसला लिया था। लघु वनोपज संघ ने लघु उद्योग निगम के माध्यम से सामाग्री खरीदी थी। इसकी टेंडर प्रक्रिया नियम-शर्तों की वजह से शुरू से विवादों में रही थी। चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे।
चुनाव के पहले केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान चेन्नई की रिपोर्ट से हड़कंप मच गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जूते-चप्पल में खतरनाक रसायन एजेडओ मिला है। इस रसायन के मिले होने की वजह से जूते-चप्पल पहनने पर कैंसर होने का खतरा है। तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने सफाई में 2.35 लाख जूते-चप्पल कंपनी से वापस बदलने का दावा किया था। इसके वितरण पर रोक लगाई गई थी। भाजपा सरकार की इस खरीदी को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले मुद्दा बनाया था। सरकार बनने के बाद वन मंत्री सिंघार ने ऐलान किया था कि मामले में जांच कराएंगे।
एक साल से फाइलों में जांच
कांग्रेस सरकार आने के बाद जांच शुरू होने का दावा हुआ था। वन मंत्री सिंघार ने जांच के लिए ईओडब्ल्यू को पत्र लिखा था। इसके साथ ही दो महीने पहले जांच की सिफारिश वाली फाइल को आगे बढ़ा चुके हैं।तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए बोनस के पैसे से खरीदे गए जूते-चप्पलों की जांच के लिए फाइल भेज चुके हैं। सीएमओ से मंजूरी मिलते ही जांच और कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
उमंग सिंघार, वन मंत्री
मप्र / जूते-चप्पल, बॉटल, साड़ी खरीदी की जांच अटकी, वन मंत्री ने सीएमओ काे भेजी फाइल, अब जांच की स्वीकृति का इंतजार