छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि जब असफलता मिलती है तो उसे चुनौती मानकर सफलता के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। सफलता और असफलता जीवन के पहलू है। वे आज छिंदवाड़ा जिले में स्थित राजमाता सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने इस अवसर पर छिन्दवाड़ा क्षेत्र के समस्त बड़े बुजुर्गों और शिक्षकों को नमन किया। सुश्री उइके ने कहा कि यह गर्व की बात है कि मेरी शिक्षा-दीक्षा इस महाविद्यालय में हुई और इसके प्रांगण में आयोजित गरिमामयी कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। इस अवसर पर राज्यपाल का शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
राज्यपाल ने अपने सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए निरंतर कार्य करते रहे। जब तक लक्ष्य नहीं होगा तब तक सफलता मिलना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने साथ अध्यनरत अन्य लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और लोगों के व्यग्यांत्मक शब्दों को चुनौती माना और अपना कार्य करती रही और अंततः मुझे सफलता मिली। राज्यपाल ने कहा कि मुझे अच्छे मार्गदर्शक भी मिले, साथ ही हमारे देश के महानपुरूषों के जीवन से भी प्रेरणा मिली।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि यह मेरा सम्मान नहीं बल्कि इस क्षेत्र के सभी भाई-बहनों और साथियों का सम्मान है। यह मेरी कर्मभूमि है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत महाविद्यालयीन समय से की। विद्यार्थियों की समस्या सुलझाने और उनकी मदद करने के दौरान छात्र राजनीति से भी जुड़ी। इससे ही मुझे समाज में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। उन्होंने आग्रह किया कि हमेशा समाज के गरीब-दुखी और निचले तबकों की मदद करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित थे।