महाभंडारा / न कोई प्रायोजक, न व्यवस्थापक; 60 गांवाें के युवाओं ने आपस में बांटी जिम्मेदारी, देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओंं ने पाया प्रसाद

  • सेल्फ मैनेजमेंट का अनूठा उदाहरण है सिय पिय मिलन समाराेह

  • 1 लाख लीटर दूध से बनी खीर, 200 कारीगरों ने तैयार की प्रसादी

    तीन संतों की तपस्थली करह आश्रम के लिए इमेज नतीजेमुरैना. तीन संतों की तपस्थली करह आश्रम में संत रतनदास महाराज की 62वीं बरसी पर रविवार को महाभंडारा आयोजित किया गया। इसमें मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली तक के लाखों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही 9 फरवरी से शुरू हुए सिय-पिय मिलन समारोह का समापन भी हुआ।


    खास बात यह कि इस महाभंडारे में न कोई प्रायोजक होता है, न कोई व्यवस्थापक। आसपास के ग्रामीण स्वेच्छा से सभी काम करते हैं। इस बार भी नूराबाद, बानमोर, मुरैना क्षेत्र के 60 गांवों के हजारों युवाओं ने व्यवस्था संभाली। गौरतलब है कि देशभर के लाखों श्रद्धालु यहां रतनदास महाराज व रामदास महाराज के पवित्र स्थल के दर्शन करने आते हैं।