मॉब लिंचिंग / तकादों से तंग आकर रची थी हमले की साजिश, फिर किसानों को बुलाया था

पुलिस ने मॉब लिंचिंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। के लिए इमेज नतीजेधार/मनावर/तिरला . मनावर की मॉब लिंचिंग के मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।  इनमें से लिमदा निवासी मंगल सिंह सिंचाई विभाग का कर्मचारी है। दिनेश पिता मंगू निवासी बोरलाई को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं, चौइथराम अस्पताल में भर्ती किसानों की हालत अब ठीक है। भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि पूरा मामला सोची-समझी साजिश थी। मुख्य षड्यंत्रकर्ता खिड़किया गांव का अवतार है। उज्जैन के किसानाें से सब मजदूराें के पैसे लेकर वही आया था। इसे लेकर ही तनातनी थी। भीड़ ने बुधवार को पीट-पीटकर किसान गणेश की हत्या कर दी थी। वहीं 5 लोग गंभीर घायल हुए थे। विवाद की शुरुआत तिरला थाना क्षेत्र के खिड़किया से हुई थी। मुख्य आरोपी भी यहीं के हैं। 


महेश को उठा ले गए थे किसान, 50 हजार लेकर छोड़ा था


भास्कर टीम शुक्रवार को गांव में पहुंची। यहां मजदूरों के परिजनों ने बताया कि अवतार ही मजदूरी के लिए उज्जैन के किसानों से रुपए लेकर आया था। इनमें करनी गांव के महेश, उसके पिता जामसिंह के भी रुपए शामिल थे। दोनों के लिए 1 लाख रुपए किसानों ने दिए थे। अवतार, महेश, जामसिंह और उसकी पत्नी इंंद्रा कुछ दिन काम करने के बाद भाग आए थे। अपने रुपए वापस लेने के लिए किसान गांव आकर महेश को उठा ले गए थे। जामसिंह और इंद्रा उसे छुड़ाने पहुंचे, तो किसानों ने कहा कि रुपए ले आओ। जामसिंह 50 हजार रुपए लेकर पहुंचा। किसानों ने वो रुपए लेकर महेश को छोड़ दिया लेकिन कम राशि के कारण बाइक रख ली। वह बाइक रिश्तेदार सुनील की थी। साथ ही कहा कि अवतार से भी रुपए देने का कहो।


फोन कर कहा- अपने पैसे ले जाओ, मारपीट कर डराने की योजना थी


बाकी के 30 हजार और अन्य मजदूरों के लिए अवतार को दिए रुपए को लेकर किसान बार- बार फोन करने लगे। इससे निपटने के लिए षड्यंत्र रचा गया। 4 फरवरी को अवतार और साथियों ने फोन लगाकर किसानों से कहा कि आकर अपने पैसे ले जाओ। उन्हें मारपीट कर डराने की योजना थी। 5 फरवरी को किसान गांव आ रहे थे, तो सुनील को आगे भेजा। शंका हुई, तो उन्होंने सुनील को गाड़ी में बैठा लिया। तभी अवतार, भुवान, जामसिंह सहित अन्य लोगों ने बच्चा चोर का शोर मचाकर पथराव शुरू कर दिया।