परेशानी / नया पोर्टल चालू करने से आधा सत्र बीतने के बाद भी नहीं सुधरी स्थिति

  • पोर्टल बंद होने से छात्रवृत्ति के आवेदन नहीं कर पा रहे हैं विद्यार्थी

  • जिम्मेदारों ने कहा- पोर्टल पर काम चल रहा है इसलिए समस्या आ रही

    पोर्टल बंद होने से छात्रवृत्ति के आवेदन नहीं कर पा रहे हैं विद्यार्थी के लिए इमेज नतीजेनीमच. आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्ति के लिए एमपी ऑनलाइन से आवेदन किया जाता है। इस बार अनुसूचित जनजाति वर्ग का पोर्टल अलग कर दिया है। एमपी टॉक्स पोर्टल पर ही इस वर्ग के विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे। पोर्टल नया होने से अभी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। इससे विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलने में लेटलतीफी हो रही है। जिम्मेदारों का कहना है कि पोर्टल पर काम चल रहा है इसलिए समस्या आ रही है।



    अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शासन की तरफ से पढ़ाई और किराये के मकान में रहने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। इस बार प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को पोर्टल नहीं चलने से अभी तक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सके हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को आर्थिक परेशानियों सामना करना पड़ रहा है। पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जिलेभर में एसटी के करीब 500 से 700 विद्यार्थी कॉलेज और ऑनलाइन सेंटरों के चक्कर काट रहे हैं। विद्यार्थी किराये के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में मकान मालिकों को समय पर किराया नहीं देने पर विद्यार्थियों को वे भी परेशान कर रहे हैं। रुपए के अभाव में विद्यार्थियों को किराए के कमरों में रहना भी परेशानी का सबब बन गया है।



    किराया भत्ता और शैक्षणिक कार्य के लिए मिलती है छात्रवृत्ति
    अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं को कॉलेज में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के बाद शासन की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है। इससे वे पढ़ाई के लिए आवश्यक किताबें व अन्य शैक्षणिक सामग्री और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। किराया भत्ता भी शासन की तरफ से दिया जाता है। जिसका लाभ विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र में दो बार दिया जाता है।



    सही जानकारी नहीं मिल रही
    पीजी कॉलेज के छात्र कमलेश नगारची सहित अन्य छात्रों ने बताया कि शिक्षण सत्र शुरू हुए छह महीने से ज्यादा समय बीत गया है। अभी तक छात्रवृत्ति के आवेदन ऑनलाइन नहीं हो सके हैं। सर्वर डाउन चल रहा था। पिछले साल की भी काफी लेट मिली है। छात्रवृत्ति की राशि के अभाव में रूम का किराया और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबों की खरीदी भी नहीं कर पा रहे हैं। कोंचिंग में दाखिला लेने में भी आर्थिक परेशानी हो रही है। कॉलेज प्रबंधन व ऑनलाइन पोर्टल पर सटीक जानकारी नहीं मिल रही है।




    अनुसूचित जनजाति के पोर्टल को अन्य छात्रवृत्ति पोर्टल से अलग कर एक नया एमपी टॉक्स पोर्टल बनाया है। कभी सर्वर डाउन तो कभी अन्य काम के चलते समस्या आ रही है। दो-तीन में स्थिति ठीक हो जाएगी। इसके बाद विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे।
    राकेश राठौड़, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, नीमच