सतना/कृषि वैज्ञानिकों के शोध का लाभ आम जनता को भी मिले, ऐसी दिशा दिखाएं हॉर्टिकल्चर बेस खेती करावे ताकि किसानों की आय दुगनी हो - कमलेश्वर पटेल मंत्री, भारतीय बागवानी शिखर सम्मेलन 2020 का उद्घाटन

   महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को भारतीय बागवानी शिखर सम्मेलन 2020 का उद्धघाटन प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने किया। क्षेत्रीय विधायक श्री नीलांशु चतुर्वेदी विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर नरेश चंद्र गौतम द्वारा की गई। देश भर के जाने-माने कृषि वैज्ञानिकों और अनेक पूर्व कुलपतियों ने अपने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत दिए। कार्यक्रम मे कृषि आयुक्त भारत सरकार डॉक्टर एस के मल्होत्रा नई दिल्ली, पूर्व कुलपति प्रोफेसर ज्ञानेंद्र सिंह भोपाल, पूर्व कुलपति प्रोफेसर गौतम कल्लू वाराणसी, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव डॉ अभय महाजन चित्रकूट मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
       इस अवसर पर पंचायत मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि हम सबको मिलकर किसानों की आय दुगनी करने के लिए सार्थक प्रयास करना चाहिए। आजादी के बाद कृषि और बागवानी के क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा करते हुए मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वैज्ञानिकों के नवीन शोध और सफल प्रसार कार्यक्रमों के कारण देश में कृषि का उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों की आय दुगनी कर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है। श्री पटेल ने वैज्ञानिकों का आवाहन किया कि तीन दिनों के इस बागवानी सम्मेलन के माध्यम से आप लोग किसानों की आय बढ़ाने वाले व्यावहारिक मॉडल तैयार करें। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार सम्मेलन के निष्कर्षों को लागू करने में सकारात्मक भूमिका निभाएगी।
         पंचायत मंत्री श्री पटेल ने कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विद्वान विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों के ज्ञान और अनुभव को आजीविका मिशन अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहभागी बनाएगा। उन्होंने इसके लिए रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है। विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक श्री नीलांशु चतुर्वेदी ने किसानों की जमीनी समस्याओं को छूते हुए कहा कि सामान्यतः पहले तो किसानों को अपेक्षित उपज नहीं मिलती है यदि संयोग से उत्पादन ज्यादा हो गया तो किसान को उसके उपज का पूरा मूल्य नहीं मिलता। व्यवहारिक समस्या का निदान शिखर सम्मेलन 2020 में खोजा जाना चाहिए। श्री चतुर्वेदी ने कहा रूट लेबल मे इस समस्या का अध्ययन कर निदान खोजना चाहिए। किसानों के प्रत्येक मुद्दों को विधायक श्री चतुर्वेदी ने गंभीरता के साथ लिया और कहा कि जमीन की उत्पादन क्षमता का परीक्षण कर फसल उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
        दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव डॉ अभय महाजन ने कहा कि 3 दिनों की यह वैज्ञानिक कार्यशाला किसानों के लिये उपयोगी व्यवस्था सुधारने में सफल साबित होगी। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ज्ञानेंद्र सिंह, भोपाल ने बागवानी उत्पाद की क्वालिटी इंप्रूवमेंट पर जोर दिया । जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गौतम कल्लू ने कहा कि फार्मिंग सिस्टम एवं क्वालिटी इंप्रूवमेंट के दिशा में चिंतन करना चाहिए।
      कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं अतिथियों द्वारा किए गए दीप प्रज्वलन से हुआ। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। अतिथियों के स्वागत के बाद शिखर सम्मेलन 2020 की स्मारिका का विमोचन किया गया। तत्पश्चात शिखर सम्मेलन के सचिव डॉ बलराज ने आयोजन के औचित्य एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रोफेसर नरेशचंद्र गौतम ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। स्थानीय आयोजन संयोजक अधिष्ठाता कृषि संकाय प्रोफेसर डीपी राय, कुलपति के तकनीकी अधिकारी ने योजना का विवरण प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन डॉक्टर सोमदत्त ने किया। कार्यक्रम सोसायटी फॉर हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट गाजियाबाद एवं कृषि संकाय महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में हो रहा है। मंच संचालन आकृति गौतम    ने किया।