- 2 महीने से स्मार्ट सिटी के विरोध में चल रहे आंदोलन ने अब राजनीतिक रंग ले लिया
- एकजुट रहे व्यापारी-रहवासी शनिवार को अलग-अलग नजर आए, कुछ भाजपा के पक्ष में तो कुछ कांग्रेस के
भोपाल. 2 महीने से स्मार्ट सिटी के विरोध में चल रहे आंदोलन ने अब राजनीतिक रंग ले लिया। एकजुट रहे व्यापारी-रहवासी शनिवार को अलग-अलग नजर आए। कुछ भाजपा के पक्ष में तो कुछ कांग्रेस के। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के समर्थक व उनका विरोध कर रहे स्थानीय रहवासी व व्यापारी आमने-सामने आ गए पुलिस ने बैरिकेड लगाकर दोनों के बीच संघर्ष को टाला। गुप्ता के धरने में शामिल हुए व्यापारियों को महासंघ से बाहर कर दिया गया।
दोनों पक्षों के इस धरने के साथ ही रहवासी व्यवसायी महासंघ में फूट पड़ गई। रहवासी व्यवसायी महासंघ के अध्यक्ष विजित पाटनी और व्यापारी त्रिभुवन मिश्रा ने बताया कि गुप्ता के धरने में शामिल हुए भाजपा नेता स्थानीय व्यापारी राकेश जैन सहित अन्य को रहवासी व्यवसायी महासंघ से बाहर कर दिया गया है। हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है। मौजूदा सरकार को दोष देकर आंदोलन को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। इस पर जैन ने कहा कि महासंघ का गठन तो मैंने किया। व्यापारियों की मांग एक है। धरने में शामिल होने को लेकर स्वतंत्रता थी। व्यापारियों की मांग को लेकर धरना जारी रहेगा। व्यापारियों ने कहा कि हम स्मार्ट सिटी के हाट बाजार में नहीं जाएंगे।
सुबह 11 बजे... जवाहर चौक पर जुटा व्यापारियों का एक गुट
पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सुबह 11 बजे अपने समर्थकों के साथ जवाहर चौक पर धरना शुरू किया। इस दौरान गुप्ता ने स्मार्ट सिटी में चल रहे कार्यों के लिए मौजूदा सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंनेे आरोप लगाया कि बाणगंगा के मकानों में लाल निशान लगाए जा रहे हैं, जबकि उन्होंने इन रहवासियों को मालिकाना हक दिलाने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराया था।
दोनों पक्ष आमने-सामने...पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका
करीब डेढ़ घंटे बाद रहवासी और व्यापारी जुलूस के साथ गुप्ता के धरने की ओर बढ़े। करीब यह जुलूस 100 मीटर आगे आया और पुलिस ने बैरिकेड लगा कर रोक लिया। दूसरी तरफ से गुप्ता के समर्थक भी मैन रोड पर आ गए। दोनों पक्ष करीब बीस मिनट तक आमने- सामने नारेबाजी करते रहे।
इधर, दोपहर 12:40 ... दूसरे गुट ने दिखाए काले झंडे
धरना स्थल से 250 मीटर की दूरी पर व्यापारी और रहवासी काले झंडे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इनका नेतृत्व विजित पाटनी, त्रिभुवन मिश्रा और रमेश साहवानी कर रहे थे। व्यापारी और रहवासियों का आरोप था कि प्रोजेक्ट गुप्ता के कार्यकाल में आया और प्लान भी उन्हीं के कार्यकाल में बना। गुप्ता के कार्यकाल में तो बाणगंगा के ऊपर से ब्रिज बनाने का प्रस्ताव बना था, जिसे विरोध के बाद वापस लिया गया है।
हम लोगों की दिक्कतोें को हल करने के हर प्रयास करेंगे...
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि लोगों की राय जाने बिना उमाशंकर गुप्ता ने स्मार्ट सिटी टीटी नगर पर थोप दी। कांग्रेस ने तब विरोध किया था। अब लोग परेशान हो रहे हैं, हम तो उनकी परेशानी दूर करने के लिए अलग-अलग योजनाओं में मकान और दुकान आवंटित कर रहे हैं। लोगों की दिक्कतों को हल करेंगे।
भोपाल / राजनीति ने हाईजैक किया आंदोलन, एक-दूसरे के ही खिलाफ हो गए रहवासी-व्यापारी