भारत में कोरोना के 80 फीसदी मामलों में नहीं दिखे संक्रमण के लक्षण, आईसीएमआर ने दी जानकारी


देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 1553 नए मामले दर्ज किए गए हैं और 36 लोगों की मौत हुई है। देशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 17,262 हो गई है। लेकिन भारत के लिए चिंता की बात यह है कि कोरोना के 80 फीसदी मामलों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर गंगाखेड़कर ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास जारी है। लेकिन चिंता की बात यह है कि अब तक सामने आए पॉजिटिव मामलों में से 80 फीसदी मामले ऐसे हैं, जिनमें कोई संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए।


गंगाखेड़कर ने बताया कि इस तरह के मामलों को पता लगाना बेहद कठिन है। इस तरह के मामलों को पता लगाने का एक ही जरिया है और वो है कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना। उन्होंने कहा कि अगर यह तरीका नहीं अपनाया जाता है तो मुश्किल खड़ी हो सकती है। इस समय सरकार के निर्देश का पालन करना बेहद जरूरी है। 


दूसरी ओर, किसी व्यक्ति को खांसी, जुकाम और तेज बुखार है तो उसे कोरोना संक्रमित मानकर तत्काल आइसोलेट किया जा रहा था, लेकिन दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के जितने भी मामले आए हैं, उनमें खांसी, बुखार जैसे कोई भी लक्षण दिख नहीं रहे हैं।


ऐसे में आशंका  है कि पूरी दिल्ली में ऐसे मरीजों की संख्या बड़ी तादाद में हो सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को जिन 736 मामलों की रिपोर्ट आई है, उनमें से 186 लोग संक्रमित पाए गए। 


यह संख्या करीब 25 फीसदी है, जो कि बहुत ज्यादा है। हैरानी की बात यह कि इनमें से किसी में भी संक्रमण के लक्षण नहीं मिले। इन लोगों को पता ही नहीं कि वह वायरस से संक्रमित और सबके साथ घुल मिल रहे हैं।केजरीवाल ने चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति खतरनाक है कि दिल्ली में बहुत सारे लोग कोरोना संक्रमित हो कर घूम रहे हैं, लेकिन उनको पता नहीं है। संक्रमित लोगों से एक व्यक्ति से जब बात की गई तो बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से  दिल्ली के खाद्य वितरण केंद्र में खाना बांटने का काम कर रहा है। 


अब पता नहीं उसने कितने लोगों को संक्रमित कर दिया होगा। ऐसे में उस सेंटर पर जितने लोग खाना खाने आते हैं, सबकी रैपिड टेस्टिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार के सभी खाद्य वितरण केंद्रों में खाना बांटने से जुड़े लोगों की भी जांच होगी।