- जनता के पैसों से भरेंगी पूर्व और वर्तमान विधायकों की किस्तें, सिर्फ 42 ने ही समय पर जमा किया पैसा
- आवास संघ ने किस्तों का बोझ बढ़ने पर राशि देने का प्रस्ताव सचिवालय को भेजा था
भोपाल . राजधानी में सवा छह एकड़ में बन रहे विधायक आवास रचना टावर में 78 पूर्व और वर्तमान विधायकों ने अपने फ्लैट तो बुक कर लिए, लेकिन बीते 8 साल में उन्होंने एक भी किस्त नहीं भरी। जबकि 230 ऐसे हैं, जिन्होंने कभी भी समय पर किस्त नहीं दी। टावर को बना रहे मप्र आवास संघ ने कई बार विधायकों से किस्तें भरने को कहा, लेकिन जब विधायकों ने किस्तें भरने में आनाकानी की तो आवास संघ ने करोड़ों के ब्याज के भार का एक प्रस्ताव बनाकर विधानसभा सचिवालय को भेज दिया। इसमें कहा गया कि किस्त का भार चुकाने में संघ असमर्थ है, लिहाजा यह भार विधानसभा वहन करे। आवास संघ के अधिकारियों के मुताबिक 10 करोड़ रु. के भार को वहन करने के लिए विधानसभा सचिवालय ने सहमति दे दी है। हालांकि यह राशि संघ को कब और कैसे मिलेगी, यह तय नहीं है, लेकिन वह अप्रैल से विधायकों को आवासों का पजेशन देने को तैयार है।
राशि चुकाने पर विचार करेंगे
इस संबंध में बैठक हुई थी। उस बैठक में मैं उपस्थित नहीं था। आवास संघ से पत्र आएगा तो उस पर वित्तीय भार के संबंध में विचार होगा। - एपी सिंह, प्रमुख सचिव, विधानसभाकई दलों के विधायकों की बुकिंग
सहकारिता विभाग के आवास संघ के इस टावर में विभिन्न दलों के 282 पूर्व व वर्तमान विधायकों ने फ्लैट बुक किए थे। इनमें से 78 विधायकों ने सिर्फ रजिस्ट्रेशन राशि 3.50 लाख रुपए ही जमा की। इसके बाद कोई किस्त नहीं भरी। 42 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने समय पर किस्तें भरीं।46 करोड़ रुपए आवास संघ का पैसा
विधायक किस्तें जमा नहीं कर रहे थे, जबकि संघ आवास बनवाता गया। इसके चलते किस्तों का ब्याज बढ़ गया। प्रोजेक्ट में 46 करोड़ रु. आवास संघ के लगे हैं, जबकि 89 करोड़ रु. विधायकों से प्राप्त हुए। विधायकों को 25 प्रतिशत राशि पजेशन के समय अदा करना होगी।विधायक कहां से चुकाएंगे पैसा
यह ताे आवास संघ की गलती है कि पैसे का मिस मैनेजमेंट हुअा। अब विधायक कहां से पैसा चुकाएंगे। इसलिए विधानसभा भार वहन कर रही हाेगी। - पारस सकलेचा, पूर्व विधायकये तो आवास संघ की गलती है
हमारी ज्यादा राशि लग चुकी है। समय पर बन जाता तो हम जीएसटी से बच जाते। गलती आवास संघ की है कि समय पर काम नहीं कर पाया। इससे भार बढ़ा होगा। - प्रदीप लारिया, विधायक, नरयावलीकिस आवास की कितनी कीमत
फ्लैट प्रकार कीमत
120 एचआईजी 61.50 लाख रु.
120 सीनियर एमआईजी 58 लाख रु.
80 जूनियर एमआईजी 42 लाख रु.
30 एलआईजी 16 लाख रु.
बड़ा सवाल : जनता का पैसा जनउपयोगी काम के लिए है या विधायकों की किस्तें चुकाने के लिए?
विधायकों से ही वसूली हो....इसकी वसूली भी संबंधित विधायकों से ही होना चाहिए। एक तो उन्हें प्राइम लोकेशन पर आवास बनाकर दिए जा रहे हैं, यही बड़ी सुविधा है। अब ब्याज का भार विधानसभा क्यों वहन करें। जनता का पैसा जन उपयोगी कार्यों पर खर्च होना चाहिए। - केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव
कायदा तो यही है कि विधायक पैसा दें...कायदा तो यही है कि विधायकों से राशि वसूली जाए। अगर विधानसभा भार वहन कर रही है तो बाद में विधायकों से इसकी वसूली होना चाहिए। जनता का पैसा सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।- निर्मला बुच, पूर्व मुख्य सचिव
78 विधायकों ने रचना टावर में फ्लैट तो बुक कर लिए, लेकिन किस्त एक भी नहीं भरी; अब 10 करोड़ रु. के ब्याज की राशि विधानसभा सचिवालय भरेगा