कोरोना से देश में नौकरियों पर कितना पड़ेगा असर, किन क्षेत्रों में जा सकती हैं नौकरियां?


कोरोना के असर को कम करने और संक्रमण को ज्यादा फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। लॉकडाउन की वजह से देश में कई कंपनियां और फैक्ट्री बंद है। लॉकडाउन का सबसे बड़ा नुकसान निजी सेक्टर में नौकरियों के जाने का हो सकता है। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने के भी संकेत दिए हैं और सोमवार को कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन को बढ़ाया भी जा सकता है लेकिन लॉकडाउन के चलते देश में बहुत नुकसान होने की भी संभावना है। नौकरीपेशा लोगों के बीच नौकरी खोने और अप्रेजल ना होने जैसी बड़ी चिंताएं हैं।


एक अनुमान के मुताबिक देश में ट्रैवल और टूरिज्म जैसे सेक्टर में एक करोड़ से ज्यादा नौकरी जा सकती हैं। रही बात मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की तो सरकार के लॉकडाउन हटाने या लगाने पर इसका सीधा असर पड़ेगा। अगर लॉकडाउन हटेगा तो लोग अपने काम पर जा सकेंगे और लॉकडाउन बना रहता है तो मैन्यूफैक्चरिंग का काम घर से नहीं हो सकता।


किन क्षेत्रों पर ज्यादा असर


ऑटोमोबाइल
लघु, मध्यम और बड़े एंटरप्राइजेज 
कैपिटल गुड्स 
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
स्टार्टअप्स
सूचना तकनीकी


इन क्षेत्रों में आर्थिक मंदी का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था का पांच फीसदी से गिरकर दो फीसदी पर आने का अनुमान है जबकि दुनिया की कई अर्थव्यवस्था नकारात्मक आंकड़ें भी दिखा सकती हैं।


देश में सूचना तकनीकी के क्षेत्र में देश के 40 लाख इंजीनियर्स नौकरी करते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सूचना तकनीकी के क्षेत्र में पांच फीसद तक नौकरियां खत्म हो सकती हैं। नौकरी जाने के तथ्य को उत्तराखंड, उड़ीसा, गोवा और तमिलनाडु जैसे राज्यों से समझा जा सकता है। इन राज्यों में बेरोजगारी दर एक ही महीने में चार फीसदी तक बढ़ गई है।


अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अमेरिका जैसे देश में पांच से 50 लाख तक नौकरियां घट सकती हैं। वहीं कुछ अमेरिकी अधिकारी एच-1बी वीजा खत्म करने के पक्ष में हैं जो ज्यादा नौकरियों के खत्म होने की ओर इशारा करता है। अगले छह से नौ महीने में किसी नई नौकरी के पैदा होने के कम मौके हैं।


हालांकि सरकार की पूरी कोशिश यह रहेगी कि कंपनियां कम से कम लोगों को नौकरी से निकाले। इसके लिए सरकार कई बड़े कदम भी उठा रही है।


कॉमर्स मंत्रालय ने कोरोना के चलते बड़े आयातकों समेत कई सेक्टर के लिए राहत देने का एलान किया है।


सरकार की तरफ से राहत एलान 


1,70,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज
5-6 बड़े कॉर्पोरेट कंपनियों को उत्पादन में सहायता
एक साल के लिए विदेशी व्यापार नीति को बढ़ाया
आयात करने की शर्तों में ढील
छोटे व्यापारियों को एक साल के लिए कर्ज पर दो फीसद का प्रोत्साहन
जल्द ही एक और राहत पैकेज का एलान संभव