मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थितियों से निपटने के लिये प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को दिये सुझाव

मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थितियों से निपटने के लिये  कुछ सुझाव प्रेषित कर रहा हूँ।


Jitu Patwari (@jitupatwari) | Twitter


वर्तमान में प्रदेश के 20 जिलें में 450 से अधिक लोग कोरोना महामारी से  संक्रमित हो गए हैं, मौत का आंकड़ा भी 32  के पार पहुंच गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है जो बेहद चिंता का विषय है। अन्य जिलों में इस महामारी का संक्रमण न पहुंच पाए इस पर सख्त होने की बेहद जरूरत  है।
"बीते शुक्रवार को एमवाय अस्पताल में इलाज न मिलने से गर्भवती महिला व शिशु की दोनों कि मौत हो गई, जो  निंदनीय है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी  सवाल उठाते हैं।  जहां एक ओर  संक्रमण के इलाज में स्वास्थ्य अमला इस तरह व्यस्त हो गया है कि दूसरे रोगों और गंभीर मरीजों को भूल गया है" वहीं कई अस्पताल में मरीजों को  एंबुलेंस तक नहीं मिल रही है।
ऐसी स्थिति हमें संविदा स्टॉफ, ऑउटसोर्स के माध्यम से अन्य बिमारियों  से निपटने के लिए  अलग-अलग टीम गठित करनी चाहिए, जिनकी जवाबदेही भी हो, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही पुनः न हो। 
इसके अतिरिक्त किसानों,  कालाबाजारी करने वालों, दवा के उपलब्धता के संबन्ध में मेरे निम्नलिखित सुझाव पर भी आप गौर कर सकते है :-


1. दवा कंपनियों के पास सिर्फ 15 दिन का कच्चा माल बचा है। स्थिति ये है कि अप्रैल माह के अंत तक बाजार में जरूरी दवाईयों की कमी होने लगेगी, इससे पहले ही दवां कंपनियां को कार्य शुरू करने की अनुमति दी जाए। सैनिटाइजर एवं मास्क की कमी होने लगी है। प्राथमिकता पर इस कमी को भी दूर किया जाए।


 2. किसानों एवं अन्य व्यापारियों द्वारा उपलब्ध होने वाली  दैनिक आपूर्ति के समान के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधाएं शुरू हो। जिससे काफी हद तक सुधार संभव हो सकेगा। 


3. एक सप्ताह के भीतर आटा, चावल, दाल, शक्कर और तेल के किल्लत की समस्या आने वाली है। थोक बाजार में भी  जरूरी खाद्य सामग्री खत्म होने लगी है। इसके पहले बंद शक्कर, आटा मिलों को शुरू करना होगा। साथ ही किसानों से आनाज खरीदकर मिलों में प्रोसेसिंग शुरू करनी होगी। इसके लिए प्रशासन को व्यापारियों के साथ बैठकर इस हेतु व्यवस्था जमाना चाहिए।


4. अब गरीब और आर्थिक कमजोर परिवारो को कोरोना महामारी से कम, भूखमरी  से  ज्यादा डर सताने लगा है। आलू, प्याज की कालाबाजारी तेजी से चल रही है। 
मेरा सुझाव है कि जो भी दुकानदार निर्धारित कीमत से अधिक आलू और प्याज  बेच रहे उन पर कार्रवाई हो। 
लॉकडाउन के चलते किसानों की बड़ी परेशानी ये है कि सब्जियां तैयार तो हैं, लेकिन कहीं बेचने नहीं जा पा रहे हें और गर्मी पड़ने से फसल खराब हो रही है। वहीं हरी सब्जियां, टमाटर, धनियां खेत में ही खराब हो रही हैं।


5. सरकार द्वारा किसानों के अनाज की खरीदी के लिए समितियों के पास पर्याप्त इंतजाम अभी तक नहीं हो पाए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके इसके लिए तैयारी की जाए। साथ ही बेहतर होगा कि किसानों के घर-घर जाकर आनाज की खरीदी की जाए। इससे सोशल डिस्टेंस भी बना रहेगा और भीड़ भी नहीं होगी। दूसरा पंचायत स्तर पर गेहूं की खरीदी का भी विकल्प अच्छा रहेगा।
5. लॉक डाउन के चलते निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है, मजदूर बेरोजगार है, इन्हे भी गेंहूं खरीदी में शामिल किया जाए। ताकि उनको मजदूरी के तौर पर काम मिल सके। मजदूर को  मजदूरी के अलावा मुफ्त खाना मिलता रहे, ताकि स्थिति सुधरने तक इनकी रोजी- रोटी के साथ आगे का जिविकोपार्जन चल सके ।


6. यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि अन्य राज्यों और राज्य के भीतर कृषि उपज बिना बाधा के पहुंचाई जाए। लॉकडाउन के दौरान कृषि उपज ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही के लिए छूट दी जानी चाहिए। जहां एक ओर किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुज़र रहे हैं वहीं मार्च के महीने में हुई बेमौसम बरसात से नष्ट हुई फसल का बीमा क्लेम अभी तक किसानों को नहीं मिला है। कृपया किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है।


7. फुटकर विक्रेताओं द्वारा खाद्य पदार्थो के मूल्य बढ़ाकर कालाबाजारी प्रारंभ की गई है। इससे गरीब व मध्यम वर्गीय से लेकर हर वर्ग के लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसके लिए शिकायत पंजीयन कर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।


8. गर्मी अब तेज होती जा रही। अगले 10-15 दिनों में जल की समस्या खड़ी हो जाएगी। कई जिलों में जल संकट की स्थिति गहराने लगी है। निगम द्वारा पानी की सप्लाई में तेजी लाने की जरूरत है, खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत करनी चाहिए एवं नये नलकूप खुदवाने का कार्य भी शुरू किया जाना आवश्यक है। वरना जल संकट सोशल दूरी के प्रयास खत्म कर देगा,जब टैंकरो पर लोग पानी के लिए लाइन लगाएंगे।


9. हॉट स्पॉट एरिया में भी फल, सब्जी, दूध व राशन की आपूर्ति करवाई जाय, नहीं तो इन इलाकों में भी भूखमरी की समस्या बढ़ेगी। इनमें मध्यम व गरीब परिवारों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी। 


10. स्वास्थ कर्मियों के साथ अन्य विभागों के कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से मौत होने पर सहायता राशि दी जानी चाहिए। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत पर भी उनके परिवार को सहायता राशि दें। ताकि वे अपना भरण पोषण कर सके।


11. इंदौर में 8 दिनों में 529 की मौत होने का मामला डरा रहा है, इस पर जांच की जानी चाहिए। कहीं ये मौत कोरोना महामारी से तो नहीं हो रही हैं या इनका कारण कुछ और है ?


12. सोशल मीडिया पर कराये गए सर्वे के अनुसार 91 प्रतिशत की मांग है कि कोरोना संक्रमण की जांच व्यापक रूप से सभी की करायी जाए। ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।


अत: मेरा आपसे अनुरोध है कि उक्त सुझावों पर विचार करते इन्हें लागू करने हेतु तत्कालआवश्यक कदम उठाएं, ताकि जल्द से जल्द कोरोना के प्रभाव से पैदा हो रहीं अन्य दूसरी समस्याओं पर समय रहते कंट्रोल किया जा सके। इसके लिए सभी के लिए अलग-अलग जिम्मेवारी सौंपी जाए। जिससे कि अन्य सेवाएं बाधित न हो।