10 करोड़ से ज्यादा निवेश वाले इन उद्योगों में 40 हजार से ज्यादा मजदूरों को काम मिला है.
भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में औद्योगिक इकाइयों (Industrial Units) को शुरू करने के सरकार के फैसले का असर अब औद्योगिक क्षेत्र पर दिखाई दे रहा है. सरकार की पहल के बाद प्रदेश के छोटे और बड़े उद्योगों में काम शुरू हो गया है. प्रदेश के 370 बड़े उद्योगों में से 242 में कामकाज शुरू हो गया है. 10 करोड़ से ज्यादा निवेश वाले इन उद्योगों में 40 हजार से ज्यादा मजदूरों को काम मिला है. उद्योगों में काम करने के लिए जाने वाले मजदूरों को कोविड-19 (COVID-19) प्रोटोकॉल के तहत पास जारी किए गए हैं.
कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के तहत काम दिया जा रहा है. साथ ही शिफ्ट को लेकर भी सरकार की हिदायत का पालन करना होगा. किसी भी कंटेनमेंट या हॉटस्पॉट वाले इलाके से कोई मजदूर कारखाने में काम करने नहीं जा सकता है. इन तमाम निर्देशों का पालन करते हुए उद्योगों में काम शुरू होने से जहां आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी. वहीं वे काम बैठे मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा.
कोरोना की वजह से किए गए थे बंद
छोटे उद्योगों में भी सरकार के रिलैक्सेशन के बाद काम शुरू हुआ है. प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा लघु और सूक्ष्म उद्योग में से 15 फीसदी उद्योगों में कामकाज शुरू हो गया है. ये वो औद्योगिक इकाइयां हैं जो शहरों के बाहर ग्रामीण इलाकों में बसी हुई हैं. 70 फीसदी लघु और सूक्ष्म उद्योग शहरी क्षेत्र में आते हैं. इसलिए कोरोना वायरस के असर के कारण इन्हें बंद रखा गया है.
फिलहाल, शुरू हुए औद्योगिक इकाइयों में 23 हजार से ज्यादा मजदूरों को काम मिल रहा है. सरकार के निर्देश पर प्रदेश के उद्योगों में तैयार होने वाले सामान को परिवहन के लिए भी सुविधा दी जा रही है. इसके तहत साढ़े तीन हजार से ज्यादा ई-पास जारी किए गए हैं. फिलहाल जो सामान तैयार होगा वह प्रदेश के जिलों तक जाएगा. उसके बाद प्रदेश के बाहर सामान को भेजने के लिए अनुमति जारी की जाएगी.
बिजली की खपत घटी
प्रदेश में एक तरफ जहां औद्योगिक इकाइयों में अब धीरे-धीरे काम शुरू हो रहा है. वहीं अब तक बिजली की खपत औद्योगिक इकाइयों में कम होने का असर भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश के बड़े उद्योगों में जहां जनवरी 2020 में बिजली की डिमांड 2660 थी. वहीं अप्रैल महीने में यह सिर्फ 1000 मेगावाट तक सीमित होकर रह गई है. लेकिन अब औद्योगिक इकाइयों के काम शुरू होने से बिजली की डिमांड आने वाले दिनों में बढ़ सकती है.