चीन के साथ सीमा विवाद पर भारत को मिला अमेरिका का साथ, ड्रैगन ने दिया ये जवाब


भारत-चीन-अमेरिका


भारत-चीन की सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच अब अमेरिका ने भी नई दिल्ली का समर्थन किया है और चीन की विस्तारवादी नीति का विरोध किया है। अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने चीन पर आरोप लगाया है कि वो अपने आक्रामक और परेशान करने वाले व्यवहार से यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। वहीं, चीन ने राजनयिक की इस टिप्पणी को निर्रथक करार दिया।


वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस जी वेल्स ने भारत-चीन सीमा पर तनाव और विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को जोड़ते हुए इसमें चीन की नापाक साजिश की आशंका जताई।
चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत-चीन सीमा मुद्दे पर अमेरिका की एक वरिष्ठ राजनयिक की टिप्पणियां  निरर्थक हैं और दोनों देशों के बीच राजनयिक माध्यम से चर्चा जारी है और वाशिंगटन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति स्थिर और स्पष्ट रही है। वेल्स की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणियां केवल निरर्थक हैं। 


क्या कहा था अमेरिका ने 
अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की निवर्तमान प्रमुख वेल्स ने बुधवार को कहा, ‘मुझे लगता है कि सीमा पर जो तनाव है वह इस बात को याद दिलाता है कि चीन आक्रामक रुख जारी रखे हुए है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, या भारत से लगी सीमा, हम चीन द्वारा उकसाने वाला और परेशान करने वाले व्यवहार को लगातार देख रहे हैं। यह इस बारे में सवाल खड़े करता है कि चीन अपनी बढ़ती शक्ति का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहता है।’


वेल्स ने कहा, ‘चीनी गतिविधियों की एक पद्धति है और यह निरंतर ही आक्रामक रही है, नियमों को धता बताने की निरंतर कोशिश, यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जाती रही है। इसका प्रतिरोध करना होगा।' उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के बारे में कहा कि उल्लेखनीय है कि चीन समूचे दक्षिण चीन सागर में अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वहीं, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रूनेई और ताईवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते हैं। 


दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर, दोनों क्षेत्रों में चीन क्षेत्रीय विवाद में शामिल है। चीन ने क्षेत्र में कई द्वीपों पर अपना सैन्य अड्डा बनाया है। ये दोनों क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं और वैश्विक व्यापार का अहम समुद्री मार्ग भी हैं। उन्होंने कहा, ‘यही कारण है आपने देखा कि समान विचारों वाले देशों को लामबंद किया जा रहा है।


बता दें कि हाल के दिनों में भारत से सटी सीमा पर चीनी सैनिकों द्वारा लगातार अतिक्रमण और घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं, लद्दाख से लेकर सिक्किम और अरुणाचल तक में चीन लगातार सीमा पर भारतीय सैनिकों को उकसाने की कोशिश कर रहा है।