कोरोना वायरस: चूहों पर शोध के बाद वैज्ञानिकों का दावा, कोविड संक्रमण को रोकेगी ये एंटीबॉडी


कोरोना वायरस को लेकर हो रही रिसर्च में यह बात तो प्रमाणित हो चुकी है कि संक्रमण से लड़ने में एंटीबॉडी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन वह एंटीबॉडी हो कैसी, जो कोरोना को रोकने में कारगर हो। नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एंटीबॉडी की खोज की है, जो कोरोना वायरस का संक्रमण रोकती है। 47D11 नाम की इस एंटीबॉडी के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को ब्लॉक कर देती है। मालूम हो कि इसी स्पाइक प्रोटीन से कोशिकाओं को जकड़कर कोरोना शरीर में संक्रमण फैलाता है और फिर अपनी संख्या बढ़ाता जाता है। यह खोज नीदरलैंड की यूट्रेच्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है। 


नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग करते हुए इस 47D11 एंटीबॉडी की खोज की है। उन्होंने शोध के दौरान पाया कि चूहों की कोशिकाओं में मौजूद यह एंटीबॉडी कोरोना के प्रोटीन को पकड़कर ब्लॉक करती है और उसका असर खत्म कर देती है। यह एंटीबॉडी कोरोना वायरस को मानव शरीर में पहुंचने में मदद करने वाली ACE2 एंजाइम को जकड़ लेती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह एंटीबॉडी कोरोना मरीजों के इलाज में विशेष रूप से मददगार साबित होगी।


एंटीबॉडी क्या होती है?
एंटीबॉडी प्रोटीन से बनीं इम्यून कोशिकाएं होती हैं। शरीर में कोई बाहरी चीज पहुंचते ही यह अलर्ट हो जाती है। बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण होने पर यह जीवाणु या विषाणु के विषैले पदार्थों को निष्क्रिय कर देती है। इस तरह यह हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली के तौर पर कार्य करती है और संक्रमण के असर को खत्म करती है।



चूहों पर हुआ शोध
नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में अलग-अलग कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को चूहे की कोशिकाओं में इंजेक्ट किया। इन वायरसों में सार्स, मर्स, SARS-CoV2 जैसे वायरस शामिल थे। कोरोना संक्रमण से लड़ने वाली करने वाली चूहे की 51 एंटीबॉडीज को शोधकर्ताओं ने अलग किया, जिनमें से केवल 47D11 नाम की एंटीबॉडी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सफल हुई।


असरदार साबित होगी एंटीबॉडी
शोधकर्ताओं का दावा है कि मानव शरीर में यह एंटीबॉडी पहुंचाई जाए तो यह वायरस संक्रमण के तरीके को बदल देगी और संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में वायरस को फैलने से रोकेगी। शोधकर्ता प्रोफेसर बर्नंड-जेन बॉश का दावा है कि यह दोनों कोरोनावायरस (SARS-CoV और SARS-CoV2) का संक्रमण रोकने में यह एंटीबॉडी कारगर है। इसके प्रयोग से बढ़ते कोरोना संक्रमण को भी काफी हद तक रोका जा सकेगा।