डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्टर एंथनी फाउसी
किलर कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनियाभर में लाखों लोग मारे गए और 4 अरब की आबादी लॉकडॉउन में जिंदगी बिताने को मजबूर है। इस महमारी को रोकने के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे थे लेकिन अब उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है। अमेरिका ने कहा है कि (Covid-19 medicine) एंटी वायरल दवा Remdesivir कोरोना मरीजों पर बहुत अच्छा प्रभाव डाल रही है।
- अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा है कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस के मरीजों पर जादुई असर डाल रही है
- वैज्ञानिकों की इस घोषणा के बाद अब इस महामारी से जंग में दुनियाभर में उम्मीदें काफी बढ़ गई है
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्टर एंथनी फाउसी ने इस दवा के बारे में ऐलान किया
वॉशिंगटन
कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए बहुत अच्छी खबर है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा है कि इबोला के खात्मे के लिए तैयार की गई दवा रेमडेसिविर (Remdesivir) कोरोना वायरस के मरीजों पर जादुई असर डाल रही है। अमेरिकी वैज्ञानिकों की इस घोषणा के बाद अब इस महामारी से जंग में दुनियाभर में उम्मीदें काफी बढ़ गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्टर एंथनी फाउसी ने कहा, 'आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।' उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है। इस ट्रायल के दौरान यह पता चला कि 'रेमडेसिविर दवा इस वायरस को रोक सकती है।'
रेमडेसिविर ने बढ़ाई दुनिया की उम्मीद
इससे पहले रेमडेसिविर दवा इबोला के ट्रायल के दौरान फेल हो गई थी। यही नहीं डब्ल्यूएचओ ने भी अपने एक सीमित अध्ययन के बाद कहा था कि वुहान में इस दवा का मरीजों पर सीमित असर पड़ा था। वुहान में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। उधर, रेमडेसिविर दवा पर हुए इस ताजा शोध पर डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी माइकल रेयान कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
डॉक्टर फॉउसी के इस ऐलान के बाद पूरी दुनिया में खुशी की लहर फैल गई है। उन्होंने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब कोरोना के कहर से दुनियाभर में 228,239 लोगों की मौत हो गई और 32 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। अमेरिका कोरोना वायरस का गढ़ बन चुका है। पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना वायरस से 2,502 लोगों की मौत हो गई है। रविवार और सोमवार को मृतकों की संख्या कम रहने के बाद पिछले दो दिन से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। देश में इस संक्रामक रोग से अब तक कम से कम 60,853 लोग जान गंवा चुके हैं।
इबोलो के ड्रग के रूप में किया गया था विकसित
Remdesivir दवा को इबोलो के ड्रग के रूप में विकसित किया गया था लेकिन समझा जाता है कि इससे और भी कई तरह के वायरस मर सकते हैं। अमेरिका के वाशिंगटन राज्य में कोरोना से जंग जीतने वाली एक महिला ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए बताया था कि दवा remdesivir की मदद से उनके पति कोरोना से ठीक हो गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था कि रेमडेसिविर एक ऐसी दवा है जिससे कोरोना के खात्मे की संभावना देखी जा रही है। इससे पहले अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार 125 लोगों को Remdesivir दवा दी गई जिसमें से 123 लोग ठीक हो गए थे।
Remdesivir का पेटेंट कराना चाहता था चीन
चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे कारगर मानी जा रही दवा को तभी पेटेंट कराने की कोशिश की थी जब वहां सबसे पहले इंसानों के बीच इसके फैलने की पुष्टि हुई थी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 20 जनवरी को इस बात की पुष्टि की थी कि यह वायरस इंसानों से इंसानों में फैल सकता है। हालांकि, लीक हुए कुछ दस्तावेजों से यह साबित होता है कि अधिकारियों को यह पता चल चुका था कि यह एक महामारी है लेकिन लोगों को चेतावनी 6 दिन बाद दी गई। यही नहीं इबोला से लड़ने के लिए अमेरिका की बनाई हुई Remdesivir को 21 जनवरी को ही पेटेंट कराने की अर्जी दे दी गई। ये अर्जी वुहान की वायरॉलजी लैब और मिलिट्री मेडिसिन इंस्टिट्यूट ने बनाई थी।