लघु एवं कुटीर उद्योगों (एमएसएमई) को लेकर वित्त मंत्रालय ने किए राहत भरी घोषणाएं


वित्त मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेेंस


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बारे में आज वित्त मंत्रालय ने विस्तार से ब्यौरा दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस में विस्तार से जानकारी देते हुए लघु एवं कुटीर उद्योगों (एमएसएमई) को लेकर राहत भरी घोषणाएं कीं। साथ ही कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान और टीडीएस में भी बड़ी राहत का एलान किया।


वित्त मंत्रालय की बड़ी घोषणाएं  


एमएसएमई के लिए 6 कदम उठाए जा रहे हैं, एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। 31 अक्तूबर से लोन मिलेगा।  


100 करोड़ वाली एमएसएमई यूनिट को लोन में राहत मिलेगी।  


बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये तक का लोन। 


45 लाख एमएसएमई को इससे फायदा होगा। 


एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा। 


एनपीए वाले एमएसएमई को भी मिलेगा लोन।


विस्तार करने वाले एमएसएमई को 50 हजार करोड़, तनाव वाले एमएसएमई को 20 हजार करोड़।


फायदे के लिए एमएसएमई की परिभााषा में बदलाव। 50 करोड़ के टर्नओवर वाली यूनिट को एमएसएमई मानेंगे।


10 करोड़ के निवेश को लघु उद्योग मानेंगे। 1 करोड़ निवेश, 5 करोड़ टर्नओवर वाली यूनिट को सूक्ष्म उद्योग मानेंगे। 


विदेशियों की जगह देसी कंपनियों को काम। 200 करोड़ रुपये तक के सरकारी टेंडर में ग्लोबल टेंडर नहीं।  


15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक सरकार देगी। 


कर्मचारियों के लिए अगले तीन महीने यानि अगस्त तक 12 की जगह 10 फीसदी ईपीएफ योगदान। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के लिए 12 फीसदी ही रहेगा। 


72 लाख कर्मचारियों को ईपीएफ में राहत। 


एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की स्कीम।


बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90 हजार करोड़ रुपये की मदद। 


सरकारी ठेकेदारों को 6 महीने का विस्तार दिया जाएगा। 


टीडीएस में 25 फीसदी कटौती, टैक्स में 100 रुपये देते थे, अब 75 रुपये देने होंगे। जनता को 50 हजार करोड़ रुपये का फायदा। 


आईटीआर भरने की तारीख को 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया जाएगा।  


निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है। निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।