मध्यप्रदेश कैबिनेट : महत्वपूर्ण विभागों के साथ सिंधिया खेमे को मिली 41 फीसदी हिस्सेदारी


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल विस्तार के 11वें दिन 28 मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है। बंटवारे में कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को खासा महत्व दिया गया है। कई महत्वपूर्ण विभाग सिंधिया समर्थक नेताओं को दिए गए हैं। कुल विभागों और अहम पदों की बात करें तो राज्य कैबिनेट में 41 फीसदी हिस्सेदारी सिंधिया खेमे के खाते में गई है। 


सिंधिया खेमे के हिस्से आए विभागों में राजस्व, परिवहन, खनन, ग्रामीण विका, ऊर्जा, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग शामिल हैं। विभाग बंटवारा करने के साथ चौहान ने विभागों में फेरबदल किया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से स्वास्थ्य विभाग छीनकर सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को दे दिया गया है। कहा जा रहा है कि सिंधिया समर्थकों को उनके पसंद के विभाग सौंपे गए हैं।


राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में कुल 34 सदस्य हैं। इनमें 14 मंत्री फिलहाल विधायक नहीं हैं, जिनमें से 11 सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। सिंधिया के प्रबल समर्थक तुलसीराम सिलावट को मत्स्य विभाग दिया गया है, उनके पास पहले से ही जल संसाधन विभाग है। गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व और परिवहन विभाग दिया गया है। सिलावट और राजपूत को मंत्रिपरिषद के अप्रैल माह में हुए पहले विस्तार में शामिल किया गया था।
सिंधिया समर्थकों को सौंपे गए मनपसंद विभाग
सिंधिया के अन्य समर्थकों में डॉ. प्रभुराम चौधरी को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रद्युम्न सिंह तोमर को ऊर्जा, महेंद्र सिंह सिसोदिया को पंचायत एवं ग्रामीण विकास और इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, मुख्यमंत्री चौहान ने सामान्य प्रशासन, जनसंपर्क, नर्मदा घाटी विकास, विमानन और अन्य विभागों को अपने पास रखा है। ये विभाग किसी को आवंटित नहीं किए गए हैं। कमल पटेल के पास किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग बरकरार है।


भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा के पास गृह विभाग है, लेकिन मिश्रा को सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी के लिए स्वास्थ्य विभाग छोड़ना पड़ा है। मिश्रा को संसदीय कार्य और विधि विभाग भी सौंपे गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव को लोक निर्माण विभाग और कुटीर एवं ग्रामोद्योग, विजय शाह को वन, जगदीश देवड़ा को वित्त एवं वाणिज्य कर, भूपेंद्र सिंह को नगरीय विकास और यशोधरा राजे सिंधिया को खेल एवं युवा कल्याण विभाग दिया गया है। 
सिंधिया खेमे के 14 नेता कैबिनेट में, जल्द होंगे उपचुनाव
सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अन्य मंत्रियों में बिसाहूलाल सिंह को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ऐंदल सिंह कंसाना को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, हरदीप सिंह डंग को नवीकरणीय ऊर्जा और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग सौंपा गया है। वहीं, सिंधिया खेमे से ब्रजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया को राज्यमंत्री के तौर पर मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।


सिधिंया के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले 22 नेताओं में से 14 को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। ये सभी फिलहाल विधायक नहीं है और इन्हें आगामी उपचुनाव में उतरना होगा। इसके अलावा कांग्रेस के एक और विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। ऐसे में कांग्रेस के 23 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और दो विधायकों का निधन हो गया है। विधानसभा में इस वक्त 25 सीटें रिक्त हैं। इनके लिए जल्द उपचुनाव कराए जाएंगे।
22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से गिरी थी कांग्रेस सरकार
मध्यप्रदेश में राजनीतिक फेरबदल कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने से हुई थी। मार्च में इन विधायकों के इस्तीफे के चलते कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी और चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई थी। चौहान रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने। कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं, जो अब भगवा रंग में रंगे हैं। 


शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना वायरस महामारी और इसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान करीब एक महीने तक उन्होंने अकेले ही सरकार चलाई थी। 21 अप्रैल को उन्होंने पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया था। इसमें भी सिंधिया और उन्हीं के खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल किया गया था।