मध्यप्रदेश शासन के खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने आज 29 जनवरी को वारासिवनी तहसील के ग्राम कोचेवाही के शिव मंदिर चौक पर आदर्श मरार माली समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले एवं माता सावित्री बाई फुले की प्रतिमा का अनावरण किया।
इस मौके पर ग्रामीणों ने खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल का बैंडबाजे एवं आतिशबाजी के स्वागत किया। इसके उपरांत खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने फीता काटकर प्रतिमा का अनावरण किया एवं महापुरुषों की प्रतिमा में माल्यार्पण एवं पूजा वंदन कर उन्हें नमन किया। खनिज मंत्री श्री जायसवाल एवं मंचासीन अतिथियों का पुष्पमाला एवं पुष्पगुच्छ से मरार माली समाज द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम में भोजराम नागेश्वर द्वारा संस्कृतिक संगीतमय प्रस्तुत दी गयी। मूर्तिकार रवि घाटे का खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने सुंदर मूर्ति बनाने के लिए स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले एवं माता सावित्री बाई फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लायी और महिलाओं को शिक्षित बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि पिछले बार क्रिकेट मैच पर पहुंचने पर ग्रामीणों ने महातमा ज्योतिबाफुले जी माता सावित्री फुले जी की प्रतिमा लगाने की मांग रखी थी। ग्रामीणों की मांग के अनुरूप सभी के सानिध्य में आज इन प्रतिमाओं का अनावरण का कार्यक्रम सम्पन हुआ है।
खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सभी महापुरुषों को एकजुट कर आजादी की लड़ाई प्रारंभ की और देश को आज़ादी दिलाई।।उन्होंने कहा कि पहले समाज मे बहुत कुरूतियां थी। समाज में सती प्रथा चलती थी जिससे लोगो को बहुत कष्ट उठाना पड़ता था। समाज सुधारक राजा राम मोहन राय सति प्रथा का विरोध कर सती प्रथा बंद करवाई। वही समाज मे महिलाओं की शिक्षा का अभाव था। उस समय महात्मा ज्योतिबाफुले और माता सावित्री बाई फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लायी। लेकिन इसका भी विरोध हुआ बाद में लोगो को समझ आया कि यह क्रांति सही है और महात्मा ज्योतिबा फुले एवं सावित्री बाई फुले जी ने कहा कि अगर परिवार का एक व्यक्ति भी शिक्षा से वंचित रहा गया तो पूरा परिवार अशिक्षित रह जाएगा।
खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि आज़ादी के पहले जरूर देश अशिक्षित था लेकिन शिक्षा के बिना देश का विकास संभव नही था इसलिए शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता थी और आज भी है जो शिक्षा ग्रहण कर रहा है वो तो आगे बढ़ रहा है और अगर आज कोई शिक्षा से वंचित हो जाता है तो उसको कोई नही पूछता। शिक्षा ग्रहण करने के बाद किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
इस मौके पर रमेश जी मरार, मदन लाल जी बाहेश्वर, जीसी कावरे, राजकुमार चौधरी उदयसिंह पंचेश्वर, अशोक मरार, राजकुमार कावरे, गिरधारी कावरे, श्री के एल पंचतीलक, सोनाली शिव प्रसाद नगपुरे, सरस्वती पंचेश्वर, डोमाजी नागेश्वर, ओमकार भवरे, धनराज खरे, मंदुलाल पंचेश्वर, छत्रपाल मानेश्वर, मनोज मानेश्वर, ड्डूलीचंद गाड़ेकर, आशाराम कावरे, संजय पंचेश्वर, इसुलाल जमरे, ब्रजलाल मात्रे, मिलिंद नगपुरे, मोनू लिमजे, रवि गौतम, पंकज गौतम, श्रीमती मेघा बिसेन, सु श्री चाँदनी शर्मा, अंचल रेवेकर सहित अधिक संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।