BSNL पर बड़ा संकट, आधे से ज्यादा स्टाफ ने कहा अलविदा

bharat sanchar nigam limited ठ ॠ  लिठ  ठ मॠ ठ  परिणाम भोपाल। देश की सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल (BSNL) की सेवा से इस महीने 79 हजार कर्मचारी अलविदा कह देंगे। देश में यह पहला मौका है, जब बीएसएनएल (BSNL) से एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी 'वीआरएस' (VRS) ले रहे हैं। खर्च कम करने की इस कवायद में मध्य प्रदेश के 3300 अधिकारी-कर्मचारी घर बैठ जाएंगे। इससे सेवाएं चौपट होने की आशंका गहरा गई है। वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में बचे हुए मैदानी कर्मचारियों को कई लोगों का काम सौंपा जा रहा है। सरकारी दूरसंचार कंपनी के इतिहास में यह पहला मौका है, जब डेढ़ लाख में से एक साथ आधे से ज्यादा स्टाफ की छुट्टी हो जाएगी।


बीएसएनएल (BSNL) की सेवाओं को लेकर वैसे ही ग्राहकों में शिकायतें हैं, इस स्थिति के बाद तो 'दूबरे और दो आषाढ़' एवं 'कोढ़ में खाज' वाली नौबत बनेगी। बदले में कर्मचारियों को सभी देयकों का भुगतान करने सरकार ने एकमुश्त 18 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। देशभर में 79 हजार अधिकारी-कर्मचारी 31 जनवरी 2020 को बीएसएनएल (BSNL) की नौकरी छोड़ देंगे। मध्य प्रदेश में सभी जिलों से दस दिन बाद कुल 3300 अधिकारी-कर्मचारी वीआरएस की स्कीम के बाद सेवा से बाहर हो जाएंगे।


इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि 50 से ऊपर की उम्र वाले स्टाफ पर वेतन का खर्च सर्वाधिक है, इसलिए इस योजना के बाद कंपनी का घाटा व खर्च कम हो जाएगा। स्थिति यह है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर जैसे अन्य जिलों में बड़ी संख्या में मैदानी स्टाफ बाहर हो जाएगा। इस कारण कई जिलों में बचे हुए कर्मचारियों को पांच-पांच लोगों का प्रभार सौंपा जा रहा है।


देश में बीएसएनएल 1 अक्टूबर 2000 को गठित हुई थी, जबकि दूरसंचार सेवाएं देश में इस सदी के पहले से चल रही हैं।


मध्य प्रदेश में हैं 11 लाख ग्राहक


 


मध्य प्रदेश में अभी बीएसएनएल के कुल 11 लाख ग्राहक हैं। इनमें छह लाख मोबाइल कनेक्शन, तीन लाख 50 हजार लैंडलाइन, 1.4 लाख ब्रॉडबैंड और 50 हजार फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन हैं।


मप्र में बीएसएनएल की वार्षिक आय करीब 660 करोड़ रुपए है, जबकि खर्च 750 करोड़ रुपए से अधिक है। इस वजह से घाटा लगातार बढ़ रहा है। वेतन पर हर माह 50 करोड़ रुपए खर्च होता है, वीआरएस के बाद यह खर्च मात्र 23 करोड़ रुपए रह जाएगा।


इस माह 3300 कर्मचारी वीआरएस की वजह से कम हो जाएंगे। दूरसंचार सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए हम व्यवस्था कर रहे हैं। तकनीक भी बदल गई है, बची हुई राशि का उपयोग रखरखाव और विकास कार्यों में किया जाएगा। - महेश शुक्ला, मुख्य महाप्रबंधक, बीएसएनएल मध्य प्रदेश


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