ग्वालियर /कृषकों की मेहनत एवं वैज्ञानिकों के अनुसंधान के कारण ही कृषि के क्षेत्र में अधिक उत्पादन हो रहा है - संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा तीन दिवसीय पश्चिम क्षेत्र कृषि मेले का हुआ समापन

आयुक्त श्री एम बी ओझा के लिए इमेज नतीजेसंभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा ने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। कृषकों की मेहनत एवं वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान एवं तकनीकी का उपयोग से किसान कृषि में भी अधिक उत्पादन ले रहे हैं। संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा कृषि महाविद्यालय परिसर ग्वालियर में आयोजित तीन दिवसीय कृषि विजय 2020 पश्चिम क्षेत्रीय कृषि मेले के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
    समारोह की अध्यक्षता कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव ने की। इस मौके पर संभाग आयुक्त ने आयोजित प्रतियोगिताओं एवं मेले में भाग लेने आए कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों, एनजीओ आदि को प्रशंसा पत्र प्रदाय कर सम्मानित किया गया। श्री ओझा ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में काफी उन्नति हुई है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान मेले के माध्यम से अंचल के किसानों को भी कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी एवं उन्नत बीजों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है। इस ज्ञान का लाभ लेकर किसान अपने उत्पादन को बढ़ा सकेंगे।
    श्री ओझा ने कहा कि कृषि एवं फलोद्यान के क्षेत्र में उत्पादन अच्छा होने के बाबजूद किसानों  को सही बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस दिशा में वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को भी सोचना होगा, जिससे कृषकों को उनके उत्पाद का सही दाम मिल सके। श्री ओझा ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत जनसंख्या गाँव में निवास करती है हमें ग्रामीण अंचलो में कृषि एवं कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों में ऐसा माहौल देना है जिससे किसान संगठित होकर अपना उत्पाद ले सकें। श्री ओझा ने कृषि मेले में किसानों एवं अन्य लोगों द्वारा कृषि फलोद्यान से संबंधित प्रदर्शित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कृषकों से कहा कि वे शासन की योजनाओं का लाभ एवं वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग कर अपनी आय को दोगुना कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभी-भी कृषि के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनायें हैं। कृषकों को कृषि के साथ-साथ बागवानी, पशुपालन एवं अन्य क्षेत्रों में भी उत्पादन लेना होगा, जिससे किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस के राव ने कहा कि तीन दिवसीय किसान मेले के माध्यम से किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में उन्नत एवं आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अधिक उत्पादन कैसे लें, जानकारी दी गई है। इसके साथ-साथ किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है। श्री राव ने कहा कि इस मेले के माध्यम से कृषि, उद्यानिकी एवं अन्य क्षेत्रों में जो टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, उसको देखने एवं समझने का किसानों को अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में किसान के पास सीमित भूमि होने के बाद ऐसी फसलें लेना हैं जिससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त हो और उसका सही मार्केट भी मिल सके। उन्होंने किसानों को केवल कृषि पर आधारित न रहते हुए पशुपालन, मछलीपालन, डेयरी व्यवसाय, बकरी पालन क्षेत्र को भी अपनाने का आग्रह किया और कहा कि कृषि क्षेत्र में नुकसान होने पर अन्य क्षेत्रों में किसान अपनी भरपाई कर सकेगा।
    कार्यक्रम के शुरू में तीन दिवसीय मेले के उद्देश्यों के महत्व पर प्रकाश डाला गया और बताया गया कि इस मेले में 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा स्टॉल लगाए गए। इसके साथ-साथ फल, फूल, सब्जी के उत्पाद रखे गए। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री विजय सिंह तोमर, श्रीमती बिल्लोरे, कृषि मंत्रालय के श्री डागर, डीन श्री जे पी दीक्षित, डॉ. एस एन उपाध्याय, सदस्य श्री शिवराज शर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अधिकारीगण सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के किसान भाई एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं व प्राध्यापकगण उपस्थित थे।