मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की झाँकी इस वर्ष राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह-2020 की शोभा बनेगी। इस झाँकी में मध्यप्रदेश के जनजातीय जीवन, परम्परा, कला, शिल्प, खान-पान, रहन-सहन तथा खेलों को आकर्षक स्वरूप में प्रदर्शित किया गया है।
झाँकी के अग्र भाग में गोंड जनजाति के घर का बाहरी हिस्सा प्रदर्शित किया गया है। मिट्टी के इन घरों की दीवारों को गोंड स्त्रियाँ सदियों से विविध आकारों और रंगों से सजाती रही हैं। घर के ऊपर टेराकोटा निर्मित जनजातीय खिलौना-गाड़ी और अनुष्ठानिक प्रतीक हैं। मध्य और अंतिम भाग की पृष्ठभूमि में काष्ठ-शिल्प में निर्मित नर्मदा उत्पत्ति की कथा को चित्रित किया गया है। कथा के सामने गोंड जनजाति का काष्ठ-शिल्प, चौसर खेलती दो बालिकाएँ, मसाला पीसती रजवार स्त्री और बैगा काष्ठ-शिल्पी दृष्टिगोचर हो रहे हैं। झाँकी के मध्य भाग की छत पर गोंड नृत्य का सजीव चित्रण है तथा गेंडी बॉल खेल रहे बच्चे नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश की झाँकी के अंतिम भाग की छत पर कोरकू जनजाति का अलंकृत घर और इसके ऊपर गोंड जनजाति के वादक जनजातीय जीवन को साकार कर रहे हैं। झाँकी के पार्श्व में मण्डला और डिण्डोरी की गोंड जनजाति की महिलाएँ और पुरुष सैला नृत्य करते दिखाई रहे हैं।