पुलिस ट्रेनिंग की व्यवहारिक परेशानी और उपयोगिता जानने के लिए भोपाल पहुंची टीएनए
भोपाल . भोपाल की भौंरी पुलिस अकादमी और सागर की जेएनपीए में सब इंस्पेक्टर्स और डीएसपी को जो पुलिसिंग सिखाई जाती है, वह फील्ड पोस्टिंग के दौरान ज्यादा काम नहीं आती है, यानी अकादमियों में ज्यादातर ध्यान फिजिकल ट्रेनिंग और थ्योरी पर दिया जाता है, लेकिन फील्ड में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ही मायने रखती है। थानों में पेपर वर्क ज्यादा है और बढ़ते सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन से जुड़ी मामूली थ्योरी अब काम की नहीं है। दरअसल, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और अकादमियों में दी जा रही ट्रेनिंग कितनी व्यवहारिक और उपयोगी है, इसे लेकर इन दिनों डीएसपी और सब इंस्पेक्टर्स से फीडबैक लिया जा रहा है। ये फीडबैक लेने के लिए ट्रेनिंग नीड एसेसमेंट (टीएनए) का गठन किया गया है। रीवा, उज्जैन, इंदौर, पचमढ़ी में हाल ही में ट्रेनिंग ले चुके सिपाहियों से फीडबैक लिए जा चुके हैं। जेएनपीए सागर डायरेक्टर जी. जनार्दन फीडबैक के सिलसिले में बुधवार को भोपाल में थे। भोपाल संभाग के सब इंस्पेक्टर और डीएसपी से पुलिस कंट्रोल रूम भोपाल में फीडबैक लिए गए। भोपाल संभाग के पिछले तीन बैच के 15-15 एसआई और डीएसपी से फीडबैक फॉर्म भरवाए गए। इस दौरान एडीजी भोपाल रेंज आदर्श कटियार समेत पीटीसी के अफसर भी मौजूद थे। गुरुवार को टीएनए के सदस्यों ने होशंगाबाद और ग्वालियर संभाग में फीडबैक लिए।
पूछे सवाल...
- फील्ड ट्रेनिंग में टीआई या अन्य अफसर सिखाते हैं या नहीं?
- अकादमी में कानून की पढ़ाई क्या सही पढ़ाई जा रही है?
- आउटडोर ट्रेनिंग में सुधार की जरूरत है क्या?
- इंस्ट्रक्टर व गेस्ट फैकल्टी सही तरीके से समझाते हैं या नहीं?
- फील्ड ट्रेनिंग में टीआई या अन्य अफसर सिखाते हैं या नहीं?
- छोटे शहर की फील्ड ट्रेनिंग अच्छी है या बड़े शहर की? डीएसपी, एसआई के सुझाव
- गंभीर अपराधों की विवेचना ट्रेनिंग के दौरान ही सिखाई जाए।
- सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन आज की परिस्थिति में बेहद जरूरी है।
- थानों की लिखापढ़ी अब सीसीटीएनएस से हो रही है।
- महिला संबंधी अपराधों की विवेचना की बारीकियां बताई जाएं।
फीडबैक फॉर्म में 35 सवाल...
एडीजी जनार्दन ने बताया कि सभी पीटीसी, पीटीएस व अकादमियों में ट्रेनिंग लेने वाले डीएसपी, एसआई व सिपाहियों का फीडबैक ले चुके हैं। सभी से बेसिक ट्रेनिंग पर 30-35 सवाल किए जा रहे हैं। ज्यादातर का कहना है कि बेसिक ट्रेनिंग में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दें।
अब पीएचक्यू को सौंपेंगे रिपोर्ट...
एडीजी के मुताबिक फीडबैक लेने के बाद अब टीएनए कमेटी मेंबर्स मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर अगले दो हफ्ते में पीएचक्यू को सौंप दी जाएगी। इसके बाद डीएसपी, एसआई और सिपाही की ट्रेनिंग के लिए बेसिक पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए जाएंगे।