- खुद को बताता था महाराष्ट्र विधान परिषद् का नेता प्रतिपक्ष
- कोर्ट पेशी से पहले उल्टी और चक्कर आने का किया बहाना
खंडवा . मध्य प्रदेश गृह विभाग का सचिव बनकर 200 से ज्यादा कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादला व नियुक्ति आदेश निकालने तथा कैदियों की रिहाई के फर्जी अदालती आदेश निकालने वाले शातिर ठग अनिरुद्ध मोतेकर ने मोघट पुलिस को भी परेशान कर डाला। पुलिस आरोपी का रिमांड लेना चाहती थी, इससे पहले आरोपी ने उल्टी और चक्कर का बहाना किया, जिससे पुलिस उसका रिमांड नहीं ले सकी। शुक्रवार शाम आरोपी को जेल भेज दिया।
जेल में प्रवेश करते ही आरोपी ने जेल अधीक्षक, जेलर व प्रहरियों पर प्रभाव डालने का प्रयास किया, लेकिन यहां उसकी नहीं चल पाई। आरोपी के कपड़े उतरवाकर चेक कर उसे बैरक में भेज दिया गया। अस्पताल में भर्ती होने के लिए आरोपी ने जेल में उल्टियां की और जेल अधिकारियों से कहा कि मैं मानसिक रोगी हूं। पुलिस ने मुझे जबरदस्ती फंसा दिया। लेकिन आरोपी का मेडिकल चेकअप कर डॉक्टर ने उसे फिट बताया। आरोपी ने पहले से ही मानसिक रोगी का पर्चा बनवाकर रखा है। शनिवार को आरोपी के खिलाफ मोघट थाने में चार प्रकरण और दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में पूछताछ के लिए जेल से पुलिस द्वारा रिमांड लिया जाएगा। गौरतलब है कि अनिरुद्ध खुद को कभी महाराष्ट्र विधान परिषद् का नेता प्रतिपक्ष और कभी सीबीआई एसपी बताता था।
जेल तक नहीं पहुंच पाया था फर्जी आदेश
आरोपी ने 9 दिसंबर 19 को बुरहानपुर जिले के निंबोला गांव के आरोपी रवींद्र पिता शांताराम सिरपुरे का रिहाई आदेश गृह विभाग के अवर सचिव के नाम से जारी किया था। हालांकि यह जेल तक नहीं पहुचा। जेल अधीक्षक ने बताया, आरोपी रवींद्र सिरपुरे दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में है। अखबार से मिली खबर के बाद आरोपी का रिकार्ड देखा गया। अब तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जिसमें आरोपी ने जेल में बंद कैदी को रिहा करवाया हो।पुलिस, न्यायाधीश व जेल अधिकारियों की बैठक
आरोपी के घर से जब्त जेल की रिहाई के आदेशों की जांच के लिए शनिवार को एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह, सत्र न्यायाधीश एलडी बौरासी, जेल अधीक्षक प्रभात चतुर्वेदी व अधिकारियों ने शातिर ठग को लेकर चर्चा की। आरोपी द्वारा निकाले गए फर्जी जमानत आदेशों का कहीं परिपालन तो नहीं हुआ है, इसकी भी जांच की जा रही है।
मप्र / नाटक से डरी पुलिस, 200 फर्जी तबादला आदेश जारी करने वाले का नहीं मांगा रिमांड