मप्र / स्कूल शिक्षा विभाग नहीं बता रहा पदों की संख्या, प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 2.5 लाख से ज्यादा आ चुके हैं आवदेन

  • सूत्रों के मुताबिक परीक्षा अनुकंपा नियुक्ति के लंबित मामलों को निपटाने के लिए कराई जा रही है

  • प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा... आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 20 जनवरी

    vyapam scam ठ ॠ  लिठ  ठ मॠ ठ  परिणामभोपाल, (गिरीश उपाध्याय). स्कूल शिक्षा विभाग, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा तो करा रहा है, लेकिन पदों की संख्या नहीं बताई जा रही है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह परीक्षा स्कूल शिक्षा विभाग में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का निपटारा करने के लिए ही कराई जा रही है। ताकि अनुकंपा नियुक्ति वाले आवेदकों को प्राथमिक शिक्षक बनने की पात्रता प्राप्त हो जाए।



    शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 20 जनवरी है, लेकिन विभाग ने अब तक प्राथमिक शिक्षक के लिए एक पद भी विज्ञापित नहीं किया है। इसके बाद भी 2 लाख 56 हजार 820 आवेदन पीईबी को प्राप्त हो चुके हैं। यह स्थिति तब है जब कई उम्मीदवार पदों की संख्या जारी नहीं होने से इस असमंजस में हैं कि वे आवेदन करें भी या नहीं।


    आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख में अब सिर्फ चार दिन शेष हैं, लेकिन न्यूनतम आयु कम करने की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण का निपटारा करने के अलावा अन्य कितने पदों पर भर्ती की जाएगी, इस संबंध में किसी के पास स्पष्ट जवाब नहीं है। स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना है कि अभी पदों की गणना की जा रही है, लेकिन गणना कब तक पूरी हो जाएगी इसका जवाब उनके पास भी नहीं है।



    इधर, पदों को लेकर मचा है बवाल
    पदों की स्थिति स्पष्ट नहीं होने की बात पूर्व में हुईं दो पात्रता परीक्षाओं पर भी लागू हो रही है, जबकि इन दोनों पात्रता परीक्षा की रूल बुक में यह जानकारी दी गई थी कितने पदों पर भर्ती की जाएगी, लेकिन जब विषय बार पदों की वैकेंसी जारी की गई तो पदों की तुलना में पात्र उम्मीदवारों की संख्या कई गुना अधिक रही।



    यह परीक्षा सिर्फ कमाई का माध्यम मात्र है
    शिक्षाविद् रमेश दवे कहते हैं कि रूल बुक में पहले स्कूल शिक्षा विभाग को पद विज्ञापित करने चाहिए थे। यदि ऐसा नहीं है तो इस परीक्षा को सिर्फ कमाई करने का एक माध्यम ही माना जाएगा। यदि पद विज्ञापित किए बिना परीक्षा कराई जा रही है तो उम्मीदवारों को फीस वापस करने का प्रावधान किया जाना चाहिए।



    निजी स्कूलों के लिए भी अनिवार्य नहीं है यह पात्रता परीक्षा
    पीईबी द्वारा रूल बुक में स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया गया है कि इस पात्रता परीक्षा में अर्हता प्राप्त आवेदकों में से अशासकीय स्कूलों के लिए भी नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी। उम्मीदवारों का कहना है कि विभाग सिर्फ गुमराह कर रहा है, क्योंकि अशासकीय स्कूलों के लिए इस पात्रता परीक्षा को अनिवार्य नहीं किया गया है।


    खास बात यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग पीईबी के माध्यम से दो पात्रता परीक्षाएं आयोजित करा चुका है। इसमें उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2019 शामिल है, लेकिन इन पात्रता परीक्षा की रूल बुक में यह बात नहीं बताई गई है कि इसके आधार पर पात्र उम्मीदवारों को अशासकीय स्कूलों में नियुक्ति की जा सकेगी।



    स्कूल शिक्षामंत्री प्रभुराम चौधरी बोले- अभी फॉर्म भरे जा रहे हैं, गणना भी कर लेंगे


    सवाल - कितने पदों पर भर्ती की जाएगी?
    अभी तो फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। पदों की गणना कर ली जाएगी।
    सवाल - कोई अनुमानित संख्या जिन पर भर्ती करने की जरूरत हो?
    अभी अनुमानित संख्या भी नहीं बता पाएंगे। प्राथमिक शिक्षक में आधे पद पदोन्नति से और आधे सीधी भर्ती से भरे जाते हैं।
    सवाल - क्या यह परीक्षा निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य की जाएगी?
    अनिवार्य नहीं किया है। इसे जो भी पास करते हैं तो प्राइवेट स्कूलों को अवसर रहेगा कि वह प्रशिक्षित उम्मीदवारों को नियुक्त कर सकें।