पटवारियों के कार्यो कि सतत मॉनिटरिंग हो, गरीब-लाचार कि मदद के लिए संवेदनशील रहें - आयुक्‍त


    आयुक्‍त ग्‍वालियर संभाग ग्‍वालियर श्री एम.बी. ओझा ने राजस्‍व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे व्‍यवहारिक रहें। किसी गरीब-लाचार व्‍यक्ति को मदद की आवश्‍यकता हो और यदि बिना नियम तोड़े उसकी मदद हो सकती हो तो जरूर करें। पटवारियों पर प्रशासनिक कसावट रहे और किसी हितग्राही को वह परेशान नहीं करें। इस उद्देश्‍य से पाक्षिक अथवा मासिक बैठक पटवारियों की ली जाए और उनके दायित्‍वों के निर्वहन की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। आयुक्‍त ग्‍वालियर संभाग ग्‍वालियर श्री ओझा जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्‍व विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर कलेक्‍टर श्री भास्‍कर लाक्षाकार, अपर कलेक्‍टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़, संयुक्‍तायुक्‍त ग्‍वालियर संभाग श्री आर.पी. शर्मा सहित जिले के समस्‍त अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, गुना अनुभाग के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद रहे तथा जिले के दूरस्‍थ अंचलों के तहसीलदार वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से जुडे़ रहे।
    उन्‍होंने राजस्‍व अधिकारियों को राजस्‍व विभाग के नियमों, अधिनियमों और नवीन संशोधनों कि जानकारी सहित सीआरपीसी की विभिन्‍न धाराओं का ज्ञान भी रखने के निर्देश दिए। उन्‍होंने तहसीलदारों को राजस्‍व न्‍यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में बला टालने वाला जैसा कृत्‍य करने पर विभागीय जांच कराए जाने कि भी कड़ी चेतावनी भी दी।
    उन्‍होंने आरसीएमएस में पंजीकृत और निराकरण प्रकरणों की संख्‍या में अंतर नही होने देने तथा आदेश एक माह से अधिक लंबित नही रखने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्‍होंने राजस्‍व वसूलियों पर भी ध्‍यान देने और प्रगति बढाने, प्राकृतिक प्रकोप में राहत के प्रकरणों में संवेदनशील और गंभीर रहने, विभिन्‍न माफिओं और सफेदपोश दबंगों के विरूद्ध अभियान और कार्रवाईयों में ढिलाई नही बरतने तथा पीठासीन अधिकारियों को पत्राचार में पदनाम के साथ नाम भी अंकित करने के निर्देश दिए।    
    इस मौके पर उन्‍होंने सीमांकन, बटवारा, नामांतरण, डायवर्सन, राजस्‍व वसूलियां, आरसीएमएस में दर्ज प्रकरण एवं निराकरण कि स्थिति की तहसीलवार समीक्षा की। उन्‍होंने राजस्‍व रिकार्डों में हेरा-फेरी का दुस्‍साहस कतई नहीं हो तथा पटवारियों पर अंकुश रखने कडे़ निर्देश भी दिए।