सीहोर / सीएए पर उमा भारती ने कहा- कांग्रेस ने 1947 में भारत विभाजन जैसे हालात पैदा किए, लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे

  • उमा ने राजगढ़ की घटना पर कहा- भाजपा नेता बद्रीलाल से गलती हुई, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था

  • सीएए संविधान सम्मत है, इसलिए कोई भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी इसका विरोध नहीं कर सकता

  • उमा ने पूछा- मुख्यमंत्री ने सीएए के विरोध में भोपाल में रैली निकाली थी, उसे पुलिस-प्रशासन ने क्यों नहीं रोका?

    भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने के लिए इमेज परिणामसीहोर. भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि सीएए और एनआरसी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने 1947 में भारत विभाजन जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। लेकिन, हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों को बहकाया गया है। प्रदेश के आईएएस अफसरों के बारे में उन्होंने कहा कि अफसर केंद्र सरकार पर नेताओं जैसी टिप्पणी कर रहे हैं। ये संविधान के खिलाफ है। अगर उन्हें ऐसा करना है तो नौकरी छोड़कर दिल्ली जाकर शाहीन बाग में प्रदर्शन करें। उमा भारती बुधवार देर रात प्रसिद्ध गणेश मंदिर के दर्शन करने के लिए आईं थी। ये बातें उन्होंने यहां मंदिर प्रांगण में मीडिया से चर्चा में कहीं।



    उमा ने कहा कि सभी लोग देख रहे हैं कि जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं उन्हें ये मालूम ही नहीं है कि सीएए क्या है। उन्होंने राजगढ़ में कलेक्टर से झड़प के बाद भाजपा नेता की अमर्यादित टिप्पणी को लेकर कहा- बद्रीलाल से गलती हुई, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। लेकिन, बद्रीलाल की घटना से एक बहुत बड़ा अपराध छिप गया। जो लोग हाथ में तिरंगा लेकर सीएए का समर्थन कर रहे थे, उन्हें पीटा गया। सीएए देश का कानून है, जो संसद के दोनों सदनों में पारित हो चुका है। सीएए संविधान सम्मत है, इसलिए कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी विरोध नहीं कर सकता। 


    सीएए के विराेध में विदेशी शक्तियों का हाथ


    उमा ने कहा कि इस समय देश में जो हो रहा है उसमें विदेशी शक्तियों का हाथ है। उनसे हमारे देश की तरक्की नहीं देखी जा रही है। भारत में पहली बार एक देशी सोच रखने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री बना है। विदेशी शक्तियों से ये बात बर्दाश्त नहीं हो रही है। देश में आज भी अंग्रेजी मानसिकता से काम करने वाले अधिकारी मौजूद हैं। 


    संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे अधिकारी


    उमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएए के विरोध में भोपाल में रैली निकाली थी। लेकिन, उसे नहीं रोका गया। जब देश के कानून के समर्थन रैली निकाली जा रही थी, तो उसे क्यों रोका जा रहा है? उमा ने कहा कि अब चिंता का विषय ये है कि राज्य के अधिकारी संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को गाइड लाइन जारी करनी चाहिए कि वे आईएएस से कहें कि सीएए के खिलाफ नहीं बोलें। 


    आईएएस अफसर की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई


    उमा ने कहा कि वे प्रदेश में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि आईएएस अफसर भाजपा के मंत्रियों को डकैत और घपलेबाज कह रहे हैं। क्या ऐसा संभव है कि ये काम बिना आईएएस अफसर के संभव हो जाए। वे भाजपा के मंत्रियों के बारे में ही ऐसा नहीं कह रहे, उसमें कांग्रेस के मंत्री भी शामिल हैं। आईएएस अफसरों की जवान बेलगाम हो गई है। 


    जनसंख्या नियंत्रण पर कहा- आखिर भारत में ही ऐसा क्यों हो रहा है



    • उमा ने जनसंख्या नियंत्रण पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ चालक मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी की। कहा- उन्होंने सही कहा है। बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए एक समस्या बन गई है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि जनसंख्या हमारी ताकत है, लेकिन ये ताकत तभी सार्थक होगी जब सबके हाथ में रोजगार हो। नहीं तो ये आगे जाकर हमारे लिए बड़ा बोझ बन सकती है। इस विषय पर राष्ट्रीय बहस के बीच एक निष्कर्ष पर आना होगा। 

    • उन्होंने कहा कि जब हम देश को प्राथमिकता पर रखेंगे तो हमे धर्म-संप्रदाय को थोड़ा नीचे ले जाना होगा। इससे किसी की कोई धार्मिक भावनाओं का टकराव नहीं होता है। मुस्लिम देशों में भी जनसंख्या निंयत्रण हो रहे हैं। मलेशिया और इंडोनेशिया इसके उदाहरण हैं। 

    • भारत को ही ऐसा क्यों चुन लिया गया है कि यहां जो मन में आए वो करो। जनसंख्या बढ़ाओ, घुसपैठियों को भारत भेजो। आखिर ये सब भारत के साथ ही क्यों हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में बिल्कुल सही निर्णय लिया है, पूरा देश उनके साथ है।  


    भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी को कहा- बेपैंदी के लौटे की तरह
    मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के सीएए के पक्ष में बयान देने पर उमा ने कहा कि उनसे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बात करेंगे। लेकिन, वे एक बिजातीय तत्व हैं जो हमारी पार्टी में आ गए हैं। त्रिपाठी बेपैंदी के लौटे की तरह हैं जिनकी कोई विचारधारा नहीं होती है।