उद्यानिकी फसलों में अच्छा मुनाफा को देखकर जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रूपाखेड़ा के 50 परिवार उद्यानिकी फसल ले रहे हैं। यह परिवार खासतौर पर एप्पल बेर तथा थाई गुआवा अमरूद की खेती कर रहे हैं और बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं, इनकी फसल अच्छे दाम दिला रही हैं।
पिछले तीन-चार सालों से रतलाम जिले में एप्पल बेर तथा थाई गुआवा अमरूद की खेती ने जोर पकड़ा है। उद्यानिकी विभाग द्वारा जिले के किसानों को नई-नई उद्यानिकी फसलों के बारे में सतत मार्गदर्शन दिए जाने के फलस्वरुप बड़ी संख्या में जिले के किसान अमरूद तथा एप्पल बेर की खेती करने लगे हैं। चालू सीजन में रूपाखेड़ा से प्रतिदिन एक ट्रक एप्पल बेर तथा अमरुद भरकर देश के बड़े शहरों की मंडियों में जा रहा है। रूपाखेड़ा के श्री बद्रीलाल पाटीदार, श्री अमृतलाल पाटीदार, श्री राजेश पाटीदार जैसे कई किसान एप्पल बेर तथा अमरुद दे रहे हैं। बद्रीलाल पाटीदार बताते हैं कि उन्होंने 4 साल पहले वीएनआर थाई गुआवा अमरुद की खेती थोड़े से रकबे में शुरू की थी, इसके मुनाफे को देखते हुए आज 23 बीघा में अमरुद ले रहे हैं। यह फसल साल भर में 2 बार आती है एक बीघा में लगभग 50 क्विंटल अमरुद उत्पादित होता है। इसका मंडी में एवरेज 60 से 70 रूपए किलो भाव मिल जाता है। बद्रीलाल बताते हैं कि साल भर की दोनों फसलों को मिलाकर कुल मुनाफा प्रति बीघा 50 हजार से 1 लाख रूपए मिलता है। रूपाखेड़ा के 50 पाटीदार परिवार वीएनआर अमरूद की खेती कर रहे हैं।
इसी तरह एप्पल बेर से भी किसान को अच्छा मुनाफा होता है। गांव के कई किसानों को जिला उद्यानिकी विभाग द्वारा वैज्ञानिक मार्गदर्शन के अलावा ड्रिप इरिगेशन भी अनुदान पर उपलब्ध कराया गया है। ड्रिप इरिगेशन द्वारा एप्पल बेर तथा अमरुद को सिंचाई की जा रही है। एप्पल बेर की देखभाल पर विशेष खर्च नहीं करना पड़ता है, इसलिए साल भर में प्रति बीघा 70 हजार रूपए किसान को लाभ मिल जाता है। रूपाखेड़ा गांव के 3 किसान अंगूर की खेती भी कर रहे हैं।
उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में ग्राम रूपाखेड़ा के 50 परिवार कर रहे हैं एप्पल बेर तथा थाई गुआवा अमरूद की खेती "खुशियों की दास्तां"