भोपाल / नगर निगम का कार्याकाल हुआ पूरा, महापौर आलोक शर्मा और अध्यक्ष सुरजीत सिंह को खाली करना पड़ेगा सरकारी मकान


भोपाल नगर निगम सहित महापौर आलोक शर्मा का कार्यकाल मंगलवार (18 फरवरी 2020) को समाप्त हो गया। के लिए इमेज नतीजेभोपाल. भोपाल नगर निगम सहित महापौर आलोक शर्मा का कार्यकाल मंगलवार (18 फरवरी 2020) को समाप्त हो गया। इसके बाद संभाग कमिश्नर को नगर निगम का प्रशासक नियुक्त किया गया है। महापौर सहित नगर निगम अध्यक्ष का पदभार समाप्त होते ही दोनों को एक महीने में सरकारी बंगले खाली करना होंगे और वाहन तुरंत वापस करना होगा। उल्लेखनीय है कि आलोक शर्मा ने 18 फरवरी 2015 को ली थी भोपाल के महापौर पद की शपथ ली थी। 


फिलहाल, आलोक शर्मा भोपाल ऐसे आखिरी महापौर हों गए हैं, जो सीधे चुनाव के जरिए जीत कर आए थे। कांग्रेस सरकार ने नगर निगमों और नगरीय निकायों में अब महापौर और अध्यक्ष के चुनाव के नियम बदल दिए हैं। अब जो भी चुनाव होंगे, उनमें पार्षद ही महापौर का चयन करेंगे। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। 


महापौर आलोक शर्मा ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन विकास कार्यों का हिसाब दिया है। बीते चार दिन में जिस तरह से भूमिपूजन शहर में हुए हैं वो भी अपने आप में रिकॉर्ड हैं। अब देखना होगा कि बीते एक सप्ताह में जो विकास कार्यों के लिए जो भूमिपूजन हुए हैं काम कहां-कहां शुरू होता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि परिषद का कार्यकाल समाप्त होने पर नगर निगम ने कोई औपचारिक विदाई समारोह आयोजित नहीं किया है। इसे कमलापति प्रतिमा को लेकर उठे विवाद से जोड़ा जा रहा है। बताया जाता है कि निगम प्रशासन ने एक होटल में भोज की योजना बनाई थी, लेकिन विवाद के बाद उच्चस्तर से इसके लिए मनाही हो गई। 


चार माह से परिषद बैठक नहीं


निगम परिषद की बैठक चार महीनों से नहीं हुई। जनवरी में निगमायुक्त ने स्वच्छ सर्वे को लेकर बैठक आयोजित करने को कहा लेकिन यह भी टल गई। नगर निगम का कार्याकाल समाप्त हो जाने के बाद महापौर आलोक शर्मा को 74 बंगला में मिला सरकारी बंगला और अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान को 45 बंगला में मिला सरकारी आवास एक महीने के अंदर खाली करना होगा। वहीं दोनों को सरकारी गाड़ी तुरंत वापस करना होगी। 


6 माह तक टल सकता है निकाय चुनाव 


निकायों का चुनाव 6 माह तक टल सकता है। प्रदेश के कई निकायों में अभी क्षेत्र की सीमा और वार्डों की सीमा तय नहीं हो पाई है। सरकार भोपाल और जबलपुर में दो नगर निगम बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन इन दोनों ही नगर निगम का परिसीमन और विभाजन का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट के फैसले के बाद इन निकायों का परिसीमन किया जाएगा। सरकार चुनाव के लिए आयोग के पास प्रस्ताव देगी। मतदाता सूची तैयार कर उसका अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 


45 दिन पहले जारी होगी अधिसूचना


मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन तारीख से करीब 45 दिन पहले चुनाव की अधिसूचना जारी करेगी। इसके पहले आयोग कलेक्टरों से चुनाव तैयारियों के संबंध में फीडबैक लेगा। इस दौरान चुनाव आयोग को अगर लगता है कि कुछ जिलों में चुनाव की तैयारी पूरी तरह से नहीं हो पाई हैं, उन्हें आयोग समय भी देगा। इस प्रक्रिया में भी  निर्वाचन कार्यों में देरी लग सकती है।