छतरपुर / पीएचडी की फर्जी डिग्री होने के आरोप में यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार और एक असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के लिए इमेज नतीजेछतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. पीके पटैरिया और नौगांव नवीन कॉलेज में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. धर्मेश खरे को बुधवार को जारी एक आदेश में निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों ने जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी राजस्थान से पीएचडी की डिग्री हासिल की है। मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव संजीव कुमार जैन ने दोनों की पीएचडी डिग्री को फर्जी करार देते हुए निलंबन की कार्रवाई की है।


डॉ. पीके पटैरिया मूल रूप से रसायन विषय के सहायक प्राध्यापक हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में लिखा गया है कि दोनों ही अधिकारियों ने फर्जी डिग्रियां हासिल की है। कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर शासन को भ्रमित किया गया है। साथ ही मप्र के कॉलेजों में पदस्थ होकर वेतन का लाभ प्राप्त करके शासन को हानि पहुंचाई है। रजिस्ट्रार महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी डॉ. पीके पटैरिया, और सहायक प्राध्यापक डॉ. धर्मेश त्रिपाठी का यह आचरण मप्र सिविल सेवा नियमों के विपरीत है। इस कारण दोनों ही अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों ही सहायक प्राध्यापकों को निलंबन अवधि के दौरान के लिए उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय सागर में अटैच कर दिया गया है।


आदेश के खिलाफ जाएंगे हाइकोर्ट
इस संबंध में रजिस्ट्रार डॉ. पीके पटैरिया का कहना है कि इस कार्रवाई के दौरान उन्हें सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया गया है। जोधपुर यूनिवर्सिटी की फर्जी पीएचडी की सूची में उनकी डिग्री शामिल ही नहीं है। कार्रवाई से पहले जोधपुर यूनिवर्सिटी से भी कोई रिकार्ड नहीं मांगा गया है। पूरी कार्रवाई एकतरफा है। डा. पटैरिया का कहना है कि वे शासन के इस आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती देंगे।