मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों और नौजवानों की प्रगति के लिये निरंतर प्रसायरत है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में नया परिदृश्य दिखाई दे रहा है।
उद्यानिकी क्षेत्र में किसानों और नौजवानों को प्राथमिकता देते हुए उनके लिये आर्थिक मदद के रास्ते भी खोल दिये गये हैं। यह क्षेत्र किसानों और नौजवानों के लिये अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। अब प्रदेश का किसान खेती के साथ उद्यानिकी का कारोबार भी अपनाने लगा है। बेरोजगार नौजवान भी इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को अपनाकर स्वावलम्बी बन रहे हैं। छिंदवाडा जिले के परासिया विकासखण्ड के ग्राम रिधौरा रैय्यत के कृषक श्री निरंजन पिता मधु पवार इन्हीं उदाहरणों में से एक है जो उद्यानिकी के माध्यम से स्वावलंबी बन गये हैं और परंपरागत खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसल से अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं ।
कृषक श्री निरंजन पवार पहले केवल परंपरागत खेती के साथ उद्यानिकी फसल का उत्पादन लेते थे, जिससे उत्पादन कम मिलता था तथा केवल 40-50 हजार रूपये प्रति एकड़ की आय ही प्राप्त हो पाती थी। लेकिन जब से उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह पर उद्यानीकी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर खेती प्रारंभ की है, तब से प्रति एकड़ उत्पादन भी 2 से ढाई गुना बढ़ गया है और आय भी 2 से ढाई गुना प्राप्त हो रही है।
कृषक श्री पवार नलकूप से सिंचाई कर लहसुन, खरबूज, तरबूज, फ्रेंचबीन आदि उद्यानीकि फसलें उगाते है, जिनमें से 1.6 हैक्टेयर में लहसुन की फसल लगाते है। उद्यानिकी योजना का लाभ लेने के पहले उन्हें 15 क्विंटल प्रति एकड़ लहसुन का उत्पादन और लगभग 50 हजार रूपये प्रति एकड़ की आमदनी प्राप्त होती थी, लेकिन उद्यानिकी योजना का लाभ लेने के बाद उन्होंने आधुनिक तकनीकी ड्रिप और मल्चिंग के प्रयोग से 25 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से लहसुन का उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्हें 1.70 लाख रूपये प्रति एकड़ की आमदनी प्राप्त हुई। इस तरह प्रति एकड़ कुल 1.25 लाख के व्यय पर प्रति एकड़ कुल 4.25 लाख रूपये की आय प्राप्त कर प्रति एकड़ लगभग 3 लाख रूपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई है। उद्यानिकी फसल से हुये आर्थिक लाभ के लिये कृषक श्री पवार मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के साथ ही सांसद श्री नकुल नाथ व उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दे रहे हैं और अन्य कृषकों को भी उद्यानिकी फसलों से लाभ लेने के लिये प्रेरित कर रहे हैं ।
छिन्दवाड़ा/आधुनिक तकनीकी से उद्यानिकी क्षेत्र में श्री निरंजन की आय हुई दोगुनी