खंडवा / गरीब हैं या नहीं, यह पता लगाने के लिए 2.40 लाख परिवाराें की जांच हाे रही, एप पकड़ेगा फर्जीवाड़ा


खंडवा. जिले के 2 लाख 40 हजार पात्रता प्राप्त परिवार (गरीब परिवार) वास्तव में गरीब के लिए इमेज नतीजेखंडवा. जिले के 2 लाख 40 हजार पात्रता प्राप्त परिवार (गरीब परिवार) वास्तव में गरीब हैं या नहीं, किसी ने फर्जी तरीके से राशन कार्ड तो नहीं बनवा रखा है, काेई अमीर व्यक्ति गरीबाें के हक का राशन ताे नहीं ले रहा, यह सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी। राशन मित्र एप के जरिए अधिकारी-कर्मचारी घर-घर जाकर ऐसे फर्जीवाड़े की जांच कर रहे हैं। फर्जीवाड़ा सामने आने पर ऐसा हितग्राही पात्रता सूची से बाहर हाे जाएगा।







जिले में बीपीएल, अंत्याेदय, अनुसूचित जाति, जनजाति, कर्मकार मंडल सहित 24 तरह की कैटेगरी में आने वाले परिवाराें की संख्या 2.40 लाख है। इनमें करीब आधे परिवार गरीब की श्रेणी में आते हैं। वास्तव में गरीब परिवाराें काे ही सस्ता राशन सहित सरकारी याेजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा नवंबर से जिले के एसडीएम, तहसीलदार, पंचायत सचिव, सहायक सचिव, पटवारी, रोजगार सहायक, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा राशन मित्र पोर्टल के जरिए हितग्राही के परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी अपलोड करने के साथ उसके घर की फोटो खींचकर उसे एप पर ही अपलोड किया जा रहा है। सर्वे की रिकॉर्डिंग भी परिवार की जानकारी के साथ पोर्टल पर डाली जा रही है ताकि अमीर और गरीब परिवार की पुष्टि हो सके।


सत्यापन में इन दस्तावेजाें की जांच
सर्वे दल द्वारा घर-घर पहुंच कर बीपीएल कार्ड पात्र परिवार जिस श्रेणी की पात्रता पर्चीधारी है, उस श्रेणी के वैध दस्तावेज जैसे सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल सर्वे क्रमांक और आधार कार्ड, समग्र आईडी, मोबाइल नंबर, परिवार के पास उपलब्ध संसाधन की जानकारी मांगी जाएगी। सत्यापन अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों के साथ घर का फोटो खींचकर राशन मित्र एप पर अपलोड किया जाएगा। ऐसे परिवार जिनकी कुछ कारणों से पात्रता संदिग्ध है, उनकी विशेष जांच की जाकर दस्तावेज एप से अपलाेड कर दावा आपत्ति के लिए भेजे जा रहे हैं। संदिग्ध पाए जाने पर वह परिवार पात्रता सूची से बाहर हाे जाएगा।



मृतकाें के अब भी जुड़े हैं नाम, फर्जीवाड़े की आशंका
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सहायक निरीक्षक राेहित देवल ने बताया ग्रामीण क्षेत्राें में मृत हितग्राहियाें के नाम अब भी राशन कार्ड में जुड़े हैं। विभाग का उद्देश्य ऐसे नामाें काे हटवाकर नए पात्र हितग्राहियाें के नाम जुड़वाना है। जांच में 100 में से 10 ऐसे हितग्राही मिल रहे हैं, जिनके पास काेई कार्ड नहीं है। ऐसे हितग्राही भी मिले जिनकी पांच बहुमंजिला इमारतें हैं, घर के बाहर चार व दाेपहिया वाहन खड़े हैं। आशंका है कि करीब 50 फीसदी हितग्राही ऐसे हैं जिन्हाेंने फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाए हैं।