भोपाल। मध्य प्रदेश में पोषण आहार व्यवस्था में भ्रष्टाचार की आशंका को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को घेरा है। शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को आरोप लगाया कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए पोषण आहार की व्यवस्था को बदला जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि आखिर उन्होंने किस हैसियत से कैबिनेट के फैसले में फेरबदल किया और क्या इस खेल में खुद सरकार की सहमति है?
शिवराज ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या मध्य प्रदेश में एक मुख्य सचिव की इतनी हिम्मत हो सकती है कि वो कैबिनेट के फैसले को ही बदल दे। अगर ऐसा है तो पूरी कैबिनेट को इस्तीफा दे देना चाहिए। उनिहोंने पोषण आहार व्यवस्था में निजी संस्थाओं को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मिलीभगत से ये खेल चल रहा है और इसमें पैसों की बंदरबांट हो रही है।
शिवराज सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब प्रदेश में उनकी सरकार थी तो ये व्यवस्था की गई थी कि प्रदेश में पोषण आहार का जिम्मा निजी हाथों में देने के बजाए स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में 7 अलग अलग प्लांट लगाने का काम भी शुरु किया गया था। कमलनाथ सरकार के दौरान हुई कैबिनेट बैठक में भी इस व्यवस्था को जारी रखने पर सहमति बनी लेकिन कैबिनेट के फैसले के बाद मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में उस बिंदु को ही गायब कर दिया गया जिसमें पोषण आहार का काम निजी संस्थाओं को न देने पर सहमति बनी थी।