महिला बाल विकास विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियां और आगामी योजनाएं

महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए इमेज नतीजेजिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी द्वारा जानकारी दी गई कि महिला एवं बाल विकास विभाग मध्य प्रदेश द्वारा पिछले एक वर्ष में कई उपलब्धियां दर्ज की गई हैं। इसमें मातृ वन्दना योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश को प्रथम स्थान और दो अतिरिक्त पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा पोषण अभियान के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश को दो प्रथम, एक द्वितीय पुरस्कार और 2.75 करोड़ रुपये की सम्मान राशि मिली है।
    इसके अलावा पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 313 बाल शिक्षा केन्द्रों का क्रियान्वयन किया गया और सभी केन्द्र आईएसओ प्रमाणीकृत किये गये हैं। तीन हजार से ज्यादा अतिकम वजन के बच्चों के पोषण प्रबंधन हेतु 3052 आंगन डे-केयर प्रारम्भ किये गये हैं। प्रदेश के सभी 51 जिलों में वनस्टाप सेन्टर का संचालन किया जा रहा है। साथ ही 65 प्रतिशत सेन्टर आईएसओ प्रमाणीकृत किये गये हैं।


मेरा प्रदेश, पोषित प्रदेश

    प्रदेश में मेरा प्रदेश पोषित प्रदेश के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा कई हितग्राहीमूलक योजनाएं भविष्य में संचालित की जाना हैं। इस हेतु अतिगंभीर कुपोषित बच्चों का समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन के तहत 95 से 90 प्रतिशत अतिगंभीर कुपोषित बच्चे जिन्हें चिकित्सकीय जटिलता नहीं होती है, उनका समुदाय स्तर पर बेहतर पोषण प्रबंधन किया जायेगा।
    इस अभियान का क्रियान्वयन दो चरणों में किया जायेगा, जिसमें 20 फरवरी तक प्रदेश के 97135 आंगनवाड़ी केन्द्रों में अतिगंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जायेगा तथा दूसरे चरण में पांच दिवसीय केन्द्र आधारित देखभाल, स्वास्थ्य परीक्षण और निर्धारित मेडिसीन प्रदाय की जायेगी।


पोषण रसोई योजना

    इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग में किये जाने वाले अनाज, फल और सब्जियों से स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार करने के प्रति आमजन में जागरूकता लाई जायेगी। सामुदायिक पोषण रसोई प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तर पर 8 से 31 मार्च तक आयोजित की जायेगी।


हाट बाजारों में पोषण जागरूकता स्टाल

    आदिवासी क्षेत्रों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों में पोषण जागरूकता स्टाल विभाग द्वारा लगाये जायेंगे, जिसमें जन-समुदाय/घुमन्तु समुदाय आदि के साथ पोषण संवाद स्थापित किया जायेगा। साथ ही स्टाल के माध्यम से बच्चों को पोषण बास्केट का वितरण किया जायेगा। श्री सिद्धिकी द्वारा जानकारी दी गई कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण शाला-पूर्व शिक्षा उपलब्ध कराये जाने के लिये केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। आगामी 28 फरवरी को प्रदेश में 800 नवीन बाल शिक्षा केन्द्रों का शुभारम्भ किया जायेगा।


सुरक्षित बचपन विकसित प्रदेश

    महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा परिकल्पना समधारा-2020 के अन्तर्गत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत 14 से 18 आयुवर्ग के बच्चों को उनकी रूचि अनुसार शिक्षण/व्यवसायिक प्रशिक्षण कराया जायेगा, ताकि वे स्वावलम्बी बन सकें। इसके तहत बाल गृह के लगभग एक हजार बच्चों को उनकी रूचि और योग्यता अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त होगा। साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी बच्चों को रोजगार से जोड़ा जायेगा।


उड़ान-2020

    इस योजना के अन्तर्गत बाल गृह के बच्चों के समूह का चिन्हांकन कर उन्हें बाल भवन के बच्चों के साथ कला और विधाओं के आदान-प्रदान हेतु जोड़ा जायेगा तथा एकसाथ सामूहिक प्रस्तुति तैयार की जायेगी, जिससे बाल भवन के बच्चों में मानवीयता और नैतिक मूल्यों का विकास होगा और बाल गृह के बच्चों को अपने व्यक्तित्व विकास के लिये नया अवसर मिलेगा।