कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. लेकिन भारत में इसके लिए इलाज के लिए टीका तैयार करने का दावा किया गया है. इसका सिर्फ परीक्षण बाकी है.
डॉक्टर विशाल राव
बेंगलुरु: कोरोना का कहर झेल रहा अमेरिका...इससे निपटने के लिये वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटा है. इस बीच हिन्दुस्तान के एक डॉक्टर ने कोरोना के खिलाफ कारगर दवा बनाने की दिशा में बड़ी कामयाबी का दावा किया है.
बेंगलुरु के डॉक्टर ने ढूंढी दवा बैंगलुरू के एंकोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल राव ने सरकार के पास अपनी रिसर्च के रिव्यू की अर्जी भेजी है. उनका दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में उनकी रिसर्च ठोस नतीजे देगी.
रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है कोरोना डॉक्टर विशाल राव के मुताबिक मानव शरीर की कोशिकाओं में इंटरफेरोन होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.इंसान जब कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो उसकी कोशिकाओं से इंटरफेरोन निकल नहीं पाते.जिसकी वजह से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और फिर कोरोना जानलेवा हो जाता है.
कोरोना की दवा का ये है फॉर्मूला डॉक्टर विशाल के मुताबिक उन्होंने साइटोकाइंस का ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जिसे कोरोना के मरीजों के शरीर में इंजेक्ट करने पर कोशिकाओं से इंटरफेरान का निकलना शुरू हो जाता है और शरीर कोरोना को मात देने में कामयाब हो जाता है.
मानव शरीर की कोशिकाएं वायरस को मारने के लिए इंटरफेरॉन केमिकल (Interferon Chemical) छोड़ती हैं. Sars-Cov-2 से संक्रमित होने के बाद कोशिकाओं की ये प्रक्रिया बंद हो जाती है. जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है. कोविड-19 से लड़ने में इंटरफेरॉन प्रभावी हैं.
साइटोकाइंस वो तरल पदार्थ हैं जिसमें प्रोटीन, पेप्टाइड्स और ग्लायको प्रोटीन की खास मात्रा होती है. हमारी कोशिकाओं से इसका रिसाव होता रहता है.
जाहिर है कोरोना के खिलाफ कारगर इलाज की तलाश में जुटी दुनिया के लिये ये बड़ी खबर है.