भोपाल / सीएम हाउस पर विधायकों का जमावड़ा; निर्दलीय शेरा बोले- सिंधिया गुट के 4 विधायक मेरे संपर्क में

मप्र कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित रखने का जिम्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा गया


सीएम हाउस पर विधायकों का जमावड़ा के लिए इमेज नतीजेभोपाल. मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान का असर कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर साफ नजर आ रहा है। बुधवार सुबह 10:30 बजे यहां सन्नाटा पसरा था। कल से पहले तक यहां हलचल बनी रहती थी। सुबह 11 बजे जब हम मुख्यमंत्री निवास पहुंचे तो वहां कमलनाथ कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। विधायकों के लिए बसें भी खड़ी थीं। यह दर्शाता है कि पार्टी की पूरी गतिविधियां मुख्यमंत्री आवास से ही चल रही है। 11.30 बजे सभी विधायक इन बसों में बैठकर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। 


निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा- सारे विधायक जंगल सफारी के लिए जयपुर जा रहे हैं। चार विधायक मेरे संपर्क में हैं। हम उनको वापस ले आएंगे। कांग्रेस सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। हम बहुमत साबित करेंगे।


मैं सिंधिया खेमे का नहीं: सिंघार मंत्री उमंग सिंघार ने कहा- बहुमत के लिए जरूरी विधायक हमारे पास हैं। दिग्विजय सिंह सरकार को बचाना चाहते हैं। लोगों को लगता था कि मैं सिंधिया खेमे से हूं। अब सबकी गलतफहमी दूर हो गई है। वहीं, मंत्री प्रदीप जायसवाल बोले- मैं मुख्यमंत्री के साथ हूं। चारों निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं। सपा-बसपा विधायकों से बात हो रही है। कांग्रेस के सभी विधायक कमलनाथ के साथ हैं।


कांग्रेस विधायक जयपुर तो भाजपा के गुरुग्राम पहुंचे इससे पहले, राजा भोज एयरपोर्ट से कांग्रेस विधायकों को इंडिगो की फ्लाइट से जयपुर भेजा गया। वहीं, भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली, गुरुग्राम और मानेसर के होटलों में शिफ्ट किया। हालांकि, कांग्रेस विधायकों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। कुछ का कहना है कि 86 विधायक ही जयपुर भेजे गए, जबकि 8 विधायक यही हैं। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि 94 विधायक गए हैं, जिनमें 90 कांग्रेस के और 4 निर्दलीय हैं।


 कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- स्थिति नियंत्रण में हैं। सारे विधायक हमारे साथ हैं। मैं विधायकों को जयपुर छोड़ने के बाद बेंगलुरु जाऊंगा क्योंकि जिन विधायकों को रोका गया है, जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वह सभी मेरे संपर्क में हैं। मुझे सभी को जयपुर ले जाने का काम सौंपा गया है।


गहलोत के भरोसे मप्र के विधायक मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित रखने का जिम्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा गया है। सभी विधायकों को रिसॉर्ट में ठहराया गया है। इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव के बाद उपजे सियासी संकट के बीच भी वहां के कांग्रेस विधायकों को जयपुर ही भेजा गया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने असंतुष्ट विधायकों को मनाने का जिम्मा मंत्री गोविंद सिंह और सज्जन सिंह वर्मा को सौंपा है। जानकारी के मुताबिक, विधायकों को 3 दिन जयपुर में रोकने की बात कही जा रही है। 


कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से बिगड़ी स्थिति कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार के अल्पमत में आने को लेकर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, मंगलवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था- स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हमारे पास नंबर हैं। हम बहुमत साबित करेंगे। सरकार 5 साल चलेगी।


विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर करेंगे सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर जाकर याचिका दायर करने की योजना बना रही है। हालांकि, इसमें क्या होगा? यह अभी तय नहीं है। ऐसे कयास हैं कि पार्टी- इस्तीफा देने वाले विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग भी कर सकती है या अन्य किसी कानूनी पेंच का इस्तेमाल करके सरकार को बचा सकती है।