'अफगानिस्तान में फंसे हिंदुओं और सिखों को भारत में जल्द शरण दे मोदी सरकार'


सिख समुदाय


अमेरिकी अफगान सिख समुदाय ने भारत सरकार से अफगानिस्तान में रहने वाले सिखों के पुनर्वास में मदद करने का आग्रह किया है। देश में हिंसा की चपेट में आए 650 से कम परिवारों के लिए इसे एकमात्र व्यवहारिक विकल्प बताया गया है।
दरअसल अफगानिस्तान में काबुल, जलालाबाद और गाजी में हिंसा की मार से परेशान ये सिख अल्पसंख्यकों का एक छोटा समुदाय भारत में शरण चाहता है।


इससे पहले भारत सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से उत्साहित होकर, अफगान सिख समुदाय के नेताओं ने भारत से अपील की है कि वे अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को दीर्घकालिक प्रवेश के साथ कानूनी प्रवेश और राजनीतिक शरण दें।अमेरिका में रहने वाले सामुदायिक नेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की गंभीर स्थिति को कम करना बहुत जरूरी है। ये अल्पसंख्यक भारत को इस क्षेत्र में एकमात्र सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में देखते हैं।


अफगानिस्तान सिख कमेटी फॉर ग्लोबल सिख काउंसिल के अध्यक्ष, अफगान अमेरिकी परमजीत सिंह बेदी ने कहा, "ऐसे समय में जब कोरोना वायरस महामारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है और भारत लॉकडाउन के तहत है, हम भारत के मौजूदा हाल के बारे में समझते हैं लेकिन मैं अभी भी भारत से निवेदन करता हूं कि अफगानिस्तान में रह रहे सिखों की सुरक्षा को लेकर हमें डर है। 


बेदी ने कहा, "हम आगे मोदी सरकार से काबुल के लिए एक विशेष उड़ान की व्यवस्था करने और भारत से हस्तक्षेप करने का निवेदन करते हैं।" 


बेदी ने आईएसआईएस की तरफ से 25 मार्च को किए गए आतंकी हमले का हवाला देते हुए अपनी चिंताएं व्यक्त कीं, इस हमले में काबुल के गुरुद्वारे में 25 सिखों की मौत हुई थी। बेदी ने कहा, "पीड़ितों में महिलाएं, बुजुर्ग और चार साल की बच्ची भी शामिल थे। ये सभी कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा हुए थे, लेकिन धार्मिक कट्टरता से उनका जीवन खत्म हो गया।"