कोरोना महामारी: पीएम केयर्स कोष बनाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई


कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सरकार द्वारा पीएम केयर्स कोष बनाने के खिलाफ पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। जनहित याचिका में इस कोर्ष को भंग करने की मांग के साथ इसमें अब तक जमा राशि को संचित निधि में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। कोष स्थापना की एसआईटी से जांच कराने का भी आग्रह किया गया है।


चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस याचिका पर सुनवाई करेगी। सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से 28 मार्च को इस कोष की स्थापना की थी। इस कोष में लोग दान करते हैं। प्रधानमंत्री ही इस कोष के पदेन अध्यक्ष हैं, जबकि रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री इसके ट्रस्टी हैं।इसका उद्देश्य कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटना और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है। बता दें कि प्रधानमंत्री इस फंड के अध्यक्ष होते हैं और रक्षा, गृह और वित्त मंत्री इसके न्यासी होते हैं। 

जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पीएम केयर्स फंड की स्थापना के बारे में जानकारी दी गई और भारत के प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से लड़ने के लिए दान करने की अपील की, जबकि इस संबंध में कोई भी अध्यादेश या भारत सरकार द्वारा राजपत्र अधिसूचना जारी नहीं की गई।

याचिका में कहा गया है कि ट्रस्ट को संविधान के अनुच्छेद 267 और 266 (2) के अनुसार बनाया जाना चाहिए, जो कि भारत के फुटकर खर्च और समेकित निधि से संबंधित है।