कुछ दिन रुकिए, ज्योतिरादित्य-भाजपा की सौदेबाजी का पता चल जाएगा: कमलनाथ


  • पर्दे के पीछे की बातें भी छिपती नहीं, देर से सही बाहर आती हैं

  • 29 फरवरी को दिल्ली में हुई थी सिंधिया से मेरी बात, लेकिन सौदेबाजी में बात आगे निकल गई

  • बंगलूरू में होटल के बाथरूम से विधायकों ने की थी बात, लेकिन भाजपा के बड़े लालच में चले गए

  • आसान नहीं होंगे उपचुनाव, जनता मजा चखाएगी

  • मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब 20 दिन बाद कमलनाथ ने थोड़ा खुल कर बात की। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर राज से थोड़ा पर्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वह ज्योतिरादित्य से भाजपा नेताओं की हुई डील के बारे में अभी नहीं जानते, लेकिन ऐसी बातें बहुत देर छिपी नहीं रहती। कुछ दिन रुकिए, यह सब पता चल जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि फिलहाल कांग्रेस का साथ छोड़कर गए विधायकों ने एक बार तो अपना घर भर लिया है। लेकिन प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव बहुत आसान नहीं होंगे। जनता जनार्दन ऐसे जनप्रतिनिधियों को मजा चखाएगी।
     

    सिंधिया के हाथ में भी नहीं रह गई थी बाजी
    कमलनाथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिल्ली के चुनिंदा पत्रकारों से रू-बरू हो रहे थे। इस दौरन उन्होंने जानकारी दी कि 29 फरवरी को उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की थी। मध्य प्रदेश में सरकार के स्थायित्व को लेकर कमलनाथ गंभीर थे। लेकिन जब प्रलोभन बड़ा हो जाता है तो बात हाथ से निकल जाती है। लगता है कि सिंधिया के साथ भाजपा का तैलमेल (सौदेबाजी) काफी आगे निकल चुका था। विधायकों के स्तर पर भी बाजी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बस में नहीं रह गई थी। कमलनाथ ने कहा कि अभी वह नहीं बता सकते कि सिंधिया किन शर्तों पर भाजपा में गए हैं, लेकिन यह सब छिपा रहने वाला नहीं है।

    बाथरूम से विधायकों ने किया था फोन
    कमलनाथ का कहना है कि उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस के बागी विधायकों में से कुछ ने बाथरूम से फोन किया था। विधायकों ने होटल में काम करने वाले शेफ आदि का फोन लेकर किया था, लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा की तरफ से उन्हें बड़ा ऑफर मिल गया था।

    उपचुनाव तो होने दीजिए, सूरत बदल जाएगी



    कमलनाथ को भरोसा है कि मध्य प्रदेश का उपचुनाव आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को काम नहीं करने दिया गया। ऊपर से म.प्र. की जनता कोविड-19 के संक्रमण का दंश झेल रही है। कुल 24 विधानसभा सीट पर चुनाव होना है। इनमें एक कांग्रेस और एक भाजपा के विधायक के निधन से खाली हुई सीट है। 22 सीट बागी विधायकों के कारण खाली हुई है। यह वह सीट है जिस पर 22 विधायक भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़कर जीते थे। मुझे नहीं लगता कि यह बात भाजपा के विधायकी का चुनाव लड़ चुके नेताओं के गले उतरेगी?  फिर ये विधायक जनता के बीच में कौन सा मुंह लेकर जाएंगे। कमलनाथ को लगता है कि उपचुनाव के बाद एक बार फिर स्थिति पलट  सकती है।

    हम तो सहयोग कर रहे हैं
    कमलनाथ ने कहा कि वह कोविड-19 संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हर तरह से सहयोग कर रहे हैं। कल भी कमलनाथ ने शिवराज को फोन किया था। किसानों की रबी की फसल, कटाई, मड़ाई को देखते हुए कई सुझाव दिए थे। कमलनाथ ने किसानों के खाद्यान्न की खरीद को लेकर हर दो गांव के बीच में अस्थाई मंडी या खरीद केन्द्र बनाने का भी सुझाव दिया है। इसी तरह से राज्य में कांग्रेस के नेता, विधायक, जिला अध्यक्ष सब लोगों, गरीबों की सेवा में लगे हैं।