लॉकडाउन में UPI नहीं, बल्कि इसके जरिए लोग कर रहे हैं ज्यादा लेनदेन


यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस


यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान प्रणाली के जरिए लेनदेन में पिछले कई महीनों से जारी तेजी मार्च में थम गई है। इस दौरान कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से यूपीआई लेनदेन में कमी आई है। 
ताजा आंकड़ों के अनुसार, मार्च में यूपीआई लेनदेन की संख्या घटकर 124.68 करोड़ रह गई, जबकि फरवरी में 132.57 करोड़ थी। इसी तरह यूपीआई लेनदेन का मूल्य भी फरवरी के 2.23 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च में 2.06 करोड़ रुपये रह गया। कुछ महीनों को छोड़ दें तो यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य, दोनों लगातार बढ़े हैं। 


इसलिए प्रभावित हुआ यूपीआई लेनदेन
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था, जिससे यूपीआई लेनदेन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हालांकि लॉकडाउन के वास्तवित असर का पता अप्रैल के आंकड़े आने के बाद पता चलेगा। 


IMPS लेनदेन की संख्या भी घटी
एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) लेनदेन की संख्या भी मार्च में घटकर 21.68 करोड़ रह गई, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 24.78 करोड़ था। इस दौरान लेनदेन का मूल्य भी 2.14 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2.01 लाख करोड़ रुपये रह गया। 


RTGS लेनदेन की संख्या में बढ़ोतरी
इस बीच रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक आरटीजीएस (तत्काल सकट निपटान) लेनदेन फरवरी के मुकाबले मार्च में 34 फीसदी बढ़कर 120.47 लाख करोड़ रुपये हो गया।


क्या है यूपीआई ?
यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से पेमेंट की जा सकती है। यह इंटरनेट बैंक फंड ट्रांसफर के मकैनिज्म पर आधारित है। 


क्या है आईएमपीएस ?
बता दें कि आईएमपीएस के जरिए ग्राहकों को तत्काल भुगतान सेवा मिलती है। यह सुविधा मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग की मदद से इंटर-बैंक लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसके जरिए ग्राहक एक दिन में दो लाख रुपये तक भेज सकते हैं।


क्या होता है आरटीजीएस ?
RTGS का मतलब है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम। 'रियल टाइम' का मतलब है तुरंत। मतलब जैसे ही आप पैसा ट्रांसफर करें, कुछ ही देर में वह खाते में पहुंच जाए। आरटीजीएस दो लाख रुपये से अधिक के ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) आरटीजीएस के तहत पैसा भेजने पर 5 से 50 रुपये का शुल्क लेता है।