संक्रमित टिक्स के काटने से होती है लाइम डिजीज
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। दिन प्रति दिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं साथ ही इसकी वजह से मरने वालों के आंकड़ भी बढ़ते जा रहा है। ऐसे वक्त में एक और बीमारी है जो अंदर ही अंदर पैर पसार रही है और इस बीमारी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके लक्षण नहीं दिखते या दिखते भी हैं तो तब जब यह खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका होता है। यह बीमारी है 'लाइम डिजीज' या 'लाइम रोग'।
Lyme Disease: लाइम रोग, जिसे लाइम बोरेलियाऑसिस (Lyme Borreliosis) के नाम से भी जाना जाता है एक संक्रामक बीमारी है. लाइम रोग एक बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से होता है. लाइम रोग का जिक्र बीते दिनों में आपने खूब सुना होगा. इसकी वजह है कि यह संक्रमण खूब फैल रहा है।
हालांकि, भारत में इस बीमारी का प्रसार अभी बहुत ही कम है, कुछ रिसर्च जर्नल्स के मुताबिक भारत के पहाड़ी इलाकों में लाइम के मामले सामने आए हैं और पड़ोसी देश नेपाल में भी एक मामले की जानकारी मिलती है।अमेरिका में तो यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैल चुकी है।
इसके अलावा लाइम रोग के मामले एशिया, यूरोप, और दक्षिण अमरीका में भी देखने को मिल रहे हैं।
यह एक संक्रामक रोग है जो टिक्स (एक तरह का कीड़ा) के काटने से होता है। ये टिक्स एक बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी ( Borrelia Burgdorferi ) लेकर चलते हैं और इंसानों के संपर्क में आने पर जब ये टिक्स काटते हैं तो यह बैक्टीरिया इंसान के शरीर में पहुंच जाता है। शुरुआत में त्वचा पर लाल घेरा या चकत्ता हो जाता है।
अब इसमें किसी तरह की जलन, खुजली, सूजन या दर्द की दिक्कत नहीं होती है। शुरुआती दौर में इसे एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है लेकिन, आम तौर पर लोगों का इस पर कोई ध्यान नहीं जाता है और अगर जाता भी है तो लोग इसे सामान्य इंफेक्शन मानकर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह बैक्टीरिया अंदर ही अंदर फैलता रहता है।
अमेरिका में इसकी स्थिति भयावह
अलजजीरा में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सारा काट्ज का परिवार इस बीमारी का शिकार रहा है। वह कहती हैं, लाइम डिजीज कोरोना वायरस की तरह एक वैश्विक महामारी बन चुका है। अमेरिका में यह सबसे सामान्य वेक्टर जनित बीमारी है। हर साल राज्य स्वास्थ्य विभागों की ओर से अमेरिका के डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन केंद्र में लगभग 30 हजार मामले रिपोर्ट किए जाते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि असल आंकड़े इससे 10 गुना ज्यादा हो सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि लाइम डिजीज से ग्रसित अमेरिकी नागरिकों की संख्या स्तन कैंसर, एचआईवी और हेपेटाइटिस सी से ग्रसित नागरिकों को मिलाकर भी उनसे ज्यादा है।
लाइम रोग के लक्षण (Lyme Disease: Symptoms)
लाइम रोग बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) नाम के कीट के काटने से होता है. यह कीट इतने छोटे होते हैं कि इन्हें देख पाना मुश्किल होता है. किसी ऐसे कीट के काटने के बाद जोकि संक्रमित हो 3 से 30 दिन के अंदर-अंदर इंसानों में लाइम रोग के लक्षण नजर आने लग जाते हैं. एक नजर में जानते हैं लाइम रोग के लक्षणों के बारे में-
1. लाइम रोग के लक्षण आम तौर पर फ्लू जैसे होते हैं.
2. लाइम रोग होने पर त्वचा पर मच्छर के काटने जैसे निशान हो जाते हैं. यह निशान एक लाल रंग के बिंदू की तरह होता है, जो धीर-धीरे बड़ा होता जाता है.
3. त्वचा पर होने वाले ये लाल रंग के चतके धीरे-धीरे बड़े होते हैं और इनमें खुजली महसूस नहीं होती.
4. बुखार आना भी लाइम रोग का लक्षण हो सकता है.
5. ठंड लगना.
6. नाड़ी धीमी होना.
7. सिसदर्द की समस्या बने रहना.
8. थकान महसूस होना.
9. मासपेशियों में दर्द.
10. लिम्फ नोड्स बढ़ना.
लाइम रोग का इलाज समय पर न किया जाए तो यह दिल के रोगों के खतरे को बढ़ा देता है।
लाइम रोग का समय पर इलाज न किया जाए तो यह जोड़ों के दर्द की समस्या भी पैदा कर सकता है।
लाइम रोग का इलाज (Lyme Disease: Treatment)
लाइम रोग में इलाज डॉक्टर की निगरानी में होता है. इस बीमारी के शुरुआती चरण में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दे सकता है।
लाइम रोग के लिए दिए जाने वाले सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं में डॉक्सिसीक्लिन, एमोक्सिसिलिन और सेफूरोक्साइम शामिल हैं. लाइम रोग के निदान के लिए संक्रमित ब्लैकलेग्ड टिकों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।