वैक्सीन नहीं बनी लेकिन मेरठ में ठीक हो गए नौ कोरोना पाॅजिटिव, चिकित्सकों ने बताया कौन सी दवा आई काम


जानलेवा कोरोना वायरस की अभी कोई दवा या वैक्सीन तैयार नहीं हुई है लेकिन फिर भी मेरठ में नौ मरीज ठीक हो गए। शनिवार को इन नौ कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के पूरी तरह ठीक होने की जानकारी कोविड अस्पताल के चिकित्सकों ने दी तो लोगों में कोरोना वायरस के खौफ के बीच एक उम्मीद की किरण जागी।

कोविड 19 अस्पताल के प्रभारी डॉ तुंगवीर सिंह आर्य ने उस ट्रीटमेंट का राज बताया जिसकी मदद से नौ लोगों ने कोरोना को हराकर जिंदगी की जंग जीत ली।



डॉ तुंगवीर सिंह आर्य


 आगे जानें चिकित्सकों की जुबानी कोरोना संक्रमित इन मरीजों के ठीक होने की कहानी  :-कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि कोरोना के मरीजों को मलेरिया में दी जाने वाली क्लोरोक्विन, एंटी- रेट्रोवायरल ड्रग, स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू व गले की दवा एजिथ्रोमाइसिन का कॉम्बीनेशन दिया जाता था।


दवाओं का असर, मरीज की हिम्मत व डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई। कोरोना के पाॅजिटिव नौ मरीजों के 24 घंटे के अंदर दो-दो टेस्ट किए गए। दोनों ही बार वह निगेटिव आए। तब डॉक्टरों ने कहा कि ये लोग कोरोना मुक्त हो गए हैं।


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी बरतें और इससे बचने के निर्देशों का पालन करें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर हाथ धुलते रहें तो इससे आसानी से निपटा जा सकता है। लोग सतर्क रहें। जागरूक बनें, डर और तनाव को खुद पर हावी न होने दें। जांच जरूर कराएं।


डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि दरअसल लोगों को पहले सर्दी-खांसी शुरू होती है, फिर बुखार के बाद गला जाम हो जाता है। सामान्य बीमारी समझकर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाते रहते हैं। लेकिन इत्मीनान रखें, कोरोना को लोग मात दे सकते हैं।