आज से लू का रेड अलर्ट जारी हो चुका है। अब आसमान से धूप के रूप में आग बरसेगी क्योंकि सोमवार से नौतपा की शुरुआत हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अब झुलसा देने वाली गर्मी से सामना होने वाला है। कुछ उत्तरी राज्यों में लू का भी खतरा बताया गया है, जिसका मतलब साफ है कि अगले कुछ दिन सूर्य देव जमकर परीक्षा लेने वाले हैं। इन दिनों में पानी खूब पीना चाहिए। तेज गर्मी से बचने के लिए दही और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाना चाहिए। साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी चीजें भी खाई जा सकती हैं।
इन राज्यों में लू का खतरा
राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और तेलंगाना के अधिकतर हिस्से भीषण लू की चपेट में रह सकते हैं। इन राज्यों में लगातार तापमान बढ़ने की संभावना के चलते 'रेड' वार्निंग दी गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए 'ऑरेंज' वार्निंग जारी की गई है। बता दें कि मौसम विभाग गंभीरता के आधार पर रंगों का चयन करते हुए इलाकों को वर्गीकृत करता है। मसलन सबसे कम खतरा ग्रीन और सबसे ज्यादा खतरा रेड वार्निंग में होता है। पंजाब, हरियाणा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी कर्नाटक में भी अगले 3-4 दिन लू का खतरा बना रहेगा। यानी इन क्षेत्रों में तापमान 45-47 डिग्री तक पहुंचने की पूरी आशंका है।
...अभी और तपेगी दिल्ली
दिल्ली की सर्दी और गर्मी दोनों ही कुख्यात है। पिछले साल दिसंबर में 5-6 डिग्री तक लुढ़कने वाला पारा अब 25 और 26 मई को अधिकतम 46 डिग्री तक रह सकता है। IMD के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवाएं चलेंगी। शनिवार को दिल्ली का तापमान 46.2 डिग्री दर्ज किया गया था, जो इस मौसम का अधिकतम था। रविवार को टेम्प्रेचर 45.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह स्थिति 29 मई तक बने रहेगी हालांकि अगले शनिवार और रविवार को बारिश की संभावना भी जताई जा रही है।
एमपी के कई जिलों में तापमान 46 डिग्री
मध्यप्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। निमाड़ प्रांत का खरगोन 46 डिग्री के साथ सबसे ज्यादा तप रहा है तो राजधानी भोपाल में भी पारा 44 डिग्री पार पहुंच गया है। वहीं, खंडवा, बड़वानी और बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, धार, मंदसौर, नीमच, झाबुआ में तापमान 42 डिग्री से नीचे नहीं आ रहा। साथ ही प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में लू के हालात बनते नजर आ रहे हैं। चंबल-बुंदेलखंड प्रांत के ग्वालियर, नौगांव, खजुराहो भी भयंकर तप रहे हैं।
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से शुरू होता है नौतपा
हिंदू मान्यता के अनुसार, सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा प्रारंभ हो जाता है। नौतपा के दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं, लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त होने से देश के कई हिस्सों में बारिश, आंधी आ सकती हैं। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। यदि इन नौ दिनों में बारिश न हो और न ही ठंडी हवा चले तो माना जाता है कि इस बार बारिश अच्छी होगी। यानी नौतपा में जितनी गर्मी उतनी अच्छी बारिश, लेकिन इस बार 31 मई को शुक्र तारा अस्त हो रहा है। शुक्र ग्रह रस प्रदान करने वाला है इसलिए इस बार नौतपा में बारिश, आंधी और तूफान आदि आएंगे। यह प्रभाव नौतपा के आखिरी दो दिन में अधिक देखने को मिलेंगे।