बहुत मुमकिन है कि अबतक आपको कोविड-19 के लक्षण पता चल गए होंगे। इसके प्रमुख लक्षण हैं - खांसी और बुखार। लेकिन जरूरी नहीं है कि इन लक्षणों का मतलब आपको कोरोना हो गया है। ये सामान्य फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं। लेकिन अगर आपको डर है तो आप क्या कर सकते हैं?
पहला तरीका
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड हेल्प लाइन नंबर जारी किया है और मेल आईडी भी दी है। जिसपर आप किसी भी वक्त संपर्क कर सकते हैं। 24X7 टोल फ्री नंबर है - 1075। एक और हेल्प लाइन नंबर है - 011 23978046। मेल आईडी है - ncov2019@gmail.com
मान लीजिए आपने 1075 नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले आपसे सबसे पहले आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। आप किस राज्य के किस जिले के जोन में रहते हैं, ये पूछेंगे।
इसके बाद आपको अपने जिले के संबंधित अधिकारी या नोडल अफसर का नंबर और मेल आईडी दे दिया जाएगा।
उनसे आप संपर्क करेंगे तो आपको ये पता चल जाएगा कि आप अपने नजदीक की किस लैब में जाकर टेस्ट करा सकते हैं। ये लैब
सरकारी भी हो सकती है और प्राइवेट भी।
अगर कोई संक्रमित पाया जाता है और आप उसके संपर्क में आए हैं तो प्रशासन आपकी स्वत: जाँच भी कर सकता है।
दूसरा तरीका
अबतक ज्यादातर सरकारी लैब में टेस्ट हो रहे हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट लैब को भी इसकी इजाजत दी गई है। हालांकि आप सीधे प्राइवेट लैब में जाकर टेस्ट नहीं करा सकते। आपको इसके लिए किसी डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की जरूरत होगी, जो आपको लिखकर दे कि आपको कोविड-19 का टेस्ट कराने की जरूरत है। इसके आधार पर आप प्राइवेट लैब से टेस्ट करा सकते हैं। प्राइवेट लैब में टेस्ट कराने के लिए आपको 4500 रुपये तक देने होंगे।
लाल पैथ लैब के मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद लाल बताते हैं कि कोरोना टेस्ट के लिए आईसीएमआर ने कुछ नियम तय किए हैं। मरीज अगर उन नियमों में फिट होता है तभी डॉक्टर उसे टेस्ट कराने की सलाह देता है। डॉक्टर की लिखित सलाह यानी प्रेस्क्रिप्शन देखने के बाद ही टेस्ट किया जाएगा।
किस-किसके टेस्ट हो सकते हैं?
आईसीएमआर की टेस्टिंग रणनीति के मुताबिक इन लोगों का टेस्ट किया जाएगा। टेस्टिंग स्ट्रेटेजी में सोमवार को कुछ बदलाव भी किए गए हैं -
जिनमें कोरोना के लक्षण हों (आईएलआई लक्षण) और जो पिछले 14 दिनों के अंदर विदेश से आए हों। आईएलआई लक्षण यानी जिनमें 38 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा बुखार और खांसी के साथ एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हो।
जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं और उनमें लक्षण हों (आईएलआई लक्षण)।
कोरोना को नियंत्रित करने के काम में लगे स्वास्थ्य कर्मी/फ्रंटलाइन वर्कर जिनमें आईएलआई लक्षण हों।
सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस के मरीज। यानी जिनमें 38 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा बुखार और खांसी के साथ एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हो और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़े।
कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए, बिना लक्षण वाले लोग जो हाई रिस्क पर हों। इनका संपर्क में आने के 5 और 10 दिन के बीच में टेस्ट करना होगा। (पहले ये टेस्ट 5 और 14 दिन के बीच में करना था जिसे अब 10 दिन किया गया है।)
कंटेनमेंट जोन/हॉटस्पॉट के इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस याई आईएलआई वाले मरीज।
सभी अस्पताल में भर्ती मरीज जिनमें आईएलआई के लक्षण हों।
आईएलआई के लक्षण वाले सभी प्रवासी या जो दूसरे राज्यों से घर लौटे हों, उनका 7 दिन के अंदर टेस्ट हो।
इमरजेंसी और डिलीवरी वाले मरीज
आईसीएमआर ने अपनी टेस्टिंग रणनीति में एक खास बदलाव ये भी किया है कि अस्पताल पहुंचे इमरजेंसी वाले मरीज के इलाज और डिलीवरी में टेस्ट की वजह से देरी ना करें। हालांकि अगर वो कोरोना के संदिग्ध लगते हैं तो उनका सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेज दिया जाए लेकिन इलाज में देरी ना हो।
नई टेस्ट स्ट्रेटेजी में साफ तौर पर ये भी कहा गया है कि ऊपर के सभी लोगों का टेस्ट सिर्फ आरटी-पीसीआर के जरिए ही किया जाए।
अगर आपने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है तो उसमें भी आपको अपने नजदीक की सरकारी और प्राइवेट लैब की जानकारी मिल सकती है।
तीसरा तरीका
तीसरा तरीका है आरोग्य सेतु ऐप। अगर आपके पास आरोग्य सेतु ऐप है तो इसके जरिए भी आपको मदद मिल सकती है। ऐप में 1075 हेल्प लाइन नंबर भी है। इसके अलावा आप ऐप पर ही कुछ सवालों का जवाब देकर सेल्फ-टेस्टिंग भी कर सकते हैं।
ऐप में आपसे कुछ आसान लिखित सवाल पूछे जाएंगे। जैसे क्या आपको इनमें से कोई भी लक्षण हैं? - खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत या इनमें से कोई भी नहीं। आप क्लिक करके जवाब दे सकते हैं।
साथ ही आपसे पूछा जाएगा, क्या आपको कभी इनमें से कोई बीमारी रही है: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, फेफड़ों की बीमारी, दिल की बीमारी या फिर इनमें से कुछ नहीं।
साथ ही पूछा जाएगा कि क्या आप पिछले 28 से 45 दिनों में विदेश से लौटे हैं? हां या ना में जवाब देना होगा।
फिर ये पूछा जाएगा कि क्या आप हाल में किसी कोविड-19 मरीज के संपर्क मे आए हैं? या क्या आप हेल्थ केयर वर्कर हैं और क्या आपने बिना सुरक्षा उपकरण के कोविड-19 संक्रमण के मरीज की जांच की थी?
इन सवालों के जवाब के आधार पर आपको बताया जाएगा कि आपको संक्रमण का कितना खतरा है। अगर आपके सवालों के जवाब से लगता है कि आपमें कोरोना के लक्षण हैं तो आपका डेटा खुद ब खुद सरकार के सर्वर में चला जाता है। इसके बाद आपसे खुद ही संपर्क किया जाएगा। ऐप में आपके इलाके की लैब की जानकारी भी होती है।
अबतक भारत में हुई है कितनी टेस्टिंग
कोरोना का अबतक कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसको नियंत्रित करने में टेस्टिंग की भूमिका अहम है। आईसीएमआर के मुताबिक, 19 मई यानी मंगलवार नौ बजे तक भारत में 24 लाख 4 हजार 267 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। संस्था का कहना है कि उसने कोविड-19 के लिए टेस्टिंग को बढ़ाया है। आईसीएमआर के मुताबिक, कुल 522 लैब इंडिपेंडेंट टेस्टिंग कर रही हैं और उसके बाद टेस्ट डेटा आईसीएमआर को दे रही हैं। इनमें से 371 सरकारी लैब हैं और 151 प्राइवेट लैब हैं।