MP: 50% उपस्थिति के साथ दफ्तर खोलने आदेश को लेकर स्टाफ परेशान, AC भी है मुद्दा


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान


मध्य प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन 4 को लेकर जो गाइड लाइन तय की है, उसमें सरकारी दफ्तरों में अब 30 के बजाय 50 फ़ीसदी स्टाफ आ सकेगा लेकिन अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अनुमति नहीं दी गई है.



भोपाल: लॉक डाउन 4.0 में सरकार ने 50 फ़ीसदी स्टाफ के साथ दफ्तर खोलने की गाइडलाइन तो जारी कर दी लेकिन यह अब कर्मचारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. मुसीबत इस बात की नहीं कि कर्मचारियों को दफ्तर जाना पड़ेगा बल्कि इस बात की कि आखिरकार दफ्तर पहुंचा किस तरह जाएगा. इस परेशानी को लेकर अब कर्मचारी संघ ने सरकार के सामने मदद की गुहार लगाई है. दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन 4 को लेकर जो गाइड लाइन तय की है, उसमें सरकारी दफ्तरों में अब 30 के बजाय 50 फ़ीसदी स्टाफ आ सकेगा लेकिन अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अनुमति नहीं दी गई है. लिहाजा कर्मचारियों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि वह दफ्तर किस तरह जाएं. दफ्तरों में हाजिरी लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है.

कर्मचारी संघ ने उठाई आवाज़: मध्य प्रदेश मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ की ओर से अब इस मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद की गई है. संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए एक ज्ञापन में यह अनुरोध किया गया है कि कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनके पास खुद के वाहन नहीं हैं और वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दफ्तर आते जाते हैं ऐसे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू ना होने की वजह से उन्हें आने-जाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. संघ की ओर से सरकार से यह मांग भी की गई है कि कम से कम उन सवारी गाड़ियों को चलाने की अनुमति दी जाए जिनसे कर्मचारी दफ्तर आते जाते हैं.


मंत्रालय में सेंट्रल AC भी है मुद्दा: इससे पहले कर्मचारी संघ मंत्रालय में सेंट्रलाइज एसी को लेकर भी सवाल उठा चुका है. संघ की ओर से यह कहा गया था कि कई ऐसी रिपोर्टें सामने आई है जिनमें सेंट्रलाइज एसी को कोरोना संक्रमण के फैलने की वजह बताया गया है लिहाजा कर्मचारियों की ओर से सेंट्रलाइज एसी के बजाय मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों में कूलिंग के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था किए जाने की मांग की गई थी हालांकि इस पर अभी तक सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है.